Jamshedpur : जमशेदपुर ट्रक ट्रेलर आनर्स एसोसिएशन पिछले दो दिनों से कुछ अनसुलझे समझौते को लेकर टाटा स्टील के वेंडरों के साथ वार्ता कर रहा था. भाड़ा व लोडिंग क्षमता बढ़ाने, 50 फीसदी स्थानीय वाहन मालिकों को प्राथमिकता देने जैसे मामलों पर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई थी. इस मसले पर गुरुवार को बिष्टुपुर में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि अगले माह टाटा स्टील के साथ जो नया टेंडर होगा, उसमें वेंडरों ने आश्वासन दिया कि एसोसिएशन की शर्तों को पूरा कर लिया जाएगा. जिसका सीधा लाभ स्थानीय गाड़ी मालिकों को मिलेगा. बैठक में यूनियन के अध्यक्ष जसवीर सिंह सीरे, सतबीर सिंह सोमू समेत तमाम पदाधिकारी मौजूद थे. वहीं, टाटा स्टील के सभी बड़े वेंडर मालिक यूटिलिटी, साइजर, डीआरसीएल, दिल्ली असम, दशमेश आदि बैठक में शामिल थे.
एक वेंडर को एक रूट का काम दिए जाने की मांग
दूसरी ओर, यूनियन ने टाटा स्टील को चेतावनी दी है कि वह सरकार के नियम के मुताबिक 10 साल की बजाय 15 साल तक की गाड़ियों को परमिशन निर्गत करे. सतबीर सिंह सोमू ने कहा कि कंपनी सरकार से ऊपर हो गई है. यूनियन इसका जोरदार विरोध करती है. उन्होंने कहा कि सरकारी एमबी एक्ट लाइफ के अनुसार गाड़ियों की प्राथमिकता देने के लिए कंपनी एवं सरकार के सामने अपनी बातें एसोसिएशन के द्वारा रखी जाएगी. गाड़ियों की भारी क्षमता के अनुसार गाड़ियों में लोडिंग की अनिवार्यता रखी जाएगी. टाटा स्टील से यूनियन मांग करती है कि एक वेंडर को एक रूट का काम दिया जाए. ताकि वो अपनी मनमानी ना कर सके और स्थानीय गाड़ी मालिक को काम दे. जिस प्रकार महंगाई के अनुसार टाटा स्टील अपने मूल्यों में 40000 से 80000 रुपए प्रति टन की वृद्धि कर रही है. उसी प्रकार डीजल 65 से 95 रुपए प्रति लीटर हो गया है. मगर टाटा स्टील को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. वह नए नियम मालिकों पर थोप रही है.