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Ranchi: रांची जिले में जिला आपूर्ति विभाग एक्शन मोड में आ गया है. जल्द ही अयोग्य लाल-पीला-हरा राशन कार्डधारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. विभाग उनके खिलाफ अभियान चलाने जा रहा है. इस अभियान के तहत जो लोग ऐसे राशन कार्ड के लिए योग्य नहीं हैं, उन्हें 15 दिन का समय दिया जाएगा ताकि वे खुद अपना कार्ड सरेंडर कर दें. ऐसा नहीं करने पर विभाग खुद ऐसे लोगों की सूची निकालेगा. इसके बाद जो लोग योग्य नहीं होंगे, उनपर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.
सरकारी पोर्टल के अनुसार रांची जिले में कितने राशन कार्डधारी हैं
- राशनकार्ड परिवार
- गुलाबी कार्ड (पीएच कार्ड) 399981 परिवार
- अंत्योदय कार्ड (एएवाई कार्ड) 103882 परिवार
- ग्रीन कार्ड 25827 परिवार
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प्रति किलो स्थानीय बाजार दर के साथ ही 12 प्रतिशत अतिरिक्त वसूला जाएगा जुर्माना
जब से वे लोग राशन उठा रहे होंगे, तब से लेकर अभी तक के अनाज का स्थानीय बाजार दर से पैसा वसूला जाएगा. इसके साथ ही अतिरिक्त 12 प्रतिशत का जुर्माना भी लिया जाएगा. जैसे अगर कोई व्यक्ति 2019 से लाल कार्ड के तहत राशन उठा रहा है. उसके परिवार में 5 सदस्य है, पर वो योग्य लाभुक नहीं है. गरीबी रेखा से ऊपर है, तो उसे 2019 से अभी तक का राशन का पैसा विभाग को देना होगा. वह पैसा एक रुपये प्रति किलो नहीं बल्कि स्थानीय बाजार के प्रति किलो के हिसाब से वसूला जाएगा. जैसे अगर बाजार में चावल 40 रुपये प्रति किलो है, जो उस व्यक्ति को 40 रुपये प्रति किलो को हिसाब से पैसे चुकाने होंगें. इसके साथ ही उन्हें 12 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना भरना पड़ेगा.
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वैकेंसी फुल हो जाने से योग्य लाभुकों तक नहीं पहुंच पाता योजना का लाभ
इस बारे में जानकारी देते हुए जिला आपूर्ति पदाधिकारी अल्बर्ट बिलुंग ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियन में तहत गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों को सरकार एक रुपये प्रति किलो या मुफ्त राशन देती है. लेकिन कई लोग मुफ्त राशन सहित दूसरी सराकरी सुविधाओं के लिए राशनकार्ड बनवा लेते हैं. ऐसे में जो सही में गरीब हैं, वे सुविधा से वंचित रह जाते हैं. सरकार ने हर जिले में लिए लाभुकों की संख्या निर्धारित की है. जो लोग योग्य नहीं हैं, उनके भी कार्ड बनवाने से वैकेंसी नहीं रहती. ऐसे में योग्य लाभुक को लाभ नहीं मिल पाता. तो अब विभाग इस अभियान के जरिये योग्य लाभुकों के लिए रिक्तियां करेगा.
जानिए क्या होगी कारवाई
जो लोग राशन कार्ड के लिए योग्य नहीं है, उनपर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कड़ी कारवाई की जाने की बात कही गयी है. ऐसे लोगों को विभाग 15 दिन का समय देगी, ताकि वे खुद अपना कार्ड सरेंडर कर दे. इसके लिए उनको अपना राशन कार्ड और एक सरेंडर का आवेदन विभाग में जमा करना होगा. 15 दिन के बाद सरेंडर नहीं करने वालों लोगों को अबतक उठाए गए राशन की बाजार दर पर पैसे भुगतान करने का नोटिस जारी करेगा. 7 दिन के अंदर उन्हें कोषागार में पैसे जमा करना होगा. ऐसा नहीं करने पर उन्हें फिर से नोटिस जारी होगा. इसके बाद उनपर एफआईआर दर्ज की जाएगी. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत इस एफआईआर से उन्हें बेल नहीं मिल पाएगा. मामला हाईकोर्ट में ही जाकर खत्म हो सकता है, वो भी तब जब वह व्यक्ति बकाया पैसों का भुगतान कर लेता है.
किस कार्ड की क्या है मान्यता
- गुलाबी कार्ड (पीएच कार्ड) – कार्ड के तहत प्रति व्यक्ति पांच किलो के हिसाब से खाद्यान्न दिया जाता है. इससे जुड़े लोगों को आयुष्मान भारत और पेंशन योजना का भी लाभ मिलता है
- अंत्योदय कार्ड (एएवाई कार्ड) – यह कार्ड सबसे गरीब तबके के लोगों के लिए बनाया जाता है. इस कार्ड पर एक परिवार को 35 किलो राशन दिया जाता है. इसके तहत लोगों को आयुष्मान भारत और पेंशन योजना का लाभ दिया जाता है.
- ग्रीन कार्ड – राज्य सरकार के इस कार्ड के तहत परिवार को पांच किलो राशन दिया जाता है.