Kiriburu : सारंडा के सुदूरवर्ती गांवों के ग्रामीण बिजली की समस्या से परेशान हैं. यह समस्या प्राकृतिक आंधी-तूफान, विभाग में मैन पावर की भारी कमी और चोरों की वजह से हो रही है. पिछले दिनों आई तूफान की वजह से सारंडा के थोलकोबाद-तिरिलपोसी व तिरिलपोसी-बिटकिलसोय गांव के बीच दो स्थानों पर विद्युत लाइन पर बड़ा पेड़ गिरने की वजह से बिजली तार व पोल क्षतिग्रस्त हो गया. इससे कई गांवों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप है. उल्लेखनीय है कि सारंडा के पांच गांव थोलकोबाद, बिटकिलसोय, तिरिलपोसी, नयागांव व दीघा की बिजली व्यवस्था की देखरेख का दायित्व बिटकिलसोय के दो युवक निखिल भेंगरा और अल्डेन भुइयां प्राइवेट मजदूर के कंधे पर है. इन्हें सात-सात हजार रुपए मासिक मानदेय मिलता है, लेकिन यह अपनी मोटरसाइकिल से पांच गांवों का भ्रमण कर विद्युत समस्या को ठीक करने का निरंतर प्रयास करते रहते हैं.
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इसके लिए उन्हें अलग से कोई वाहन, पेट्रोल अथवा मैनपावर नहीं दिया गया है. बिजली लाइन पर गिरे पेड़ को कुछ ग्रामीणों की मदद से स्वयं काटकर हटाते व लाइन ठीक करने की कोशिश करते रहते हैं. दूसरी तरफ सारंडा जंगल में जिस रास्ते बिजली लाइन गुजरी है वहां पूरे रास्ते में बडे़-बडे़ पेड़ हैं, जिसकी टहनियां व पेड़ टूट कर गिर जाते हैं. इससे हमेशा भारी नुकसान होता है. बिटकिलसोय निवासी शान्तियल भेंगरा, दीघा निवासी आलोक तोपनो आदि ने बताया कि अगर सरकार जंगल क्षेत्र में खुला बिजली तारों की जगह केबल तार लगाकर उसे भूमिगत कर दे तो इस समस्या से मुक्ति मिल जाएगी. इसके अलावे पिछले दिनों बिटकिलसोय व नयागांव के बीच विद्युत विभाग द्वारा गाड़ा गया लगभग 49 लोहा पाइप का पोल चोर काट कर ले गए जिसे बाद में पुलिस ने बरामद कर चोरों को पकड़ भी लिया.