Jamshedpur : कृषि बिल के खिलाफ सोमवार को भारत बंद जमशेदपुर के शहरी क्षेत्रों साकची, मानगो, बिष्टुपुर में असरदार रहा, तो बारीडीह, सिदगोड़ा और अन्य क्षेत्रों में बंद आंदोलनकारियों के आते ही दुकानें बंद हुईं और उनके वहां से गुजरते ही दुकानें पुनः खुल गईं. ग्रामीण क्षेत्रों में आंशिक असर दिखा. सुबह 10 बजे के बाद बंद समर्थक सड़कों पर उतरे और खुली दुकानों को बंद कराना शुरू किया. साकची में मजदूर संगठनों के संयुक्त मोर्चा की ओर से इंटक नेता राकेश्वर पांडेय की अगुवाई में साकची में जुलूस निकाला. जुलूस में शामिल लोग केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. वे किसान बिल को वापस लेने की मांग कर रहे थे. दोपहर 12 बजे झामुमो विधायक रामदास सोरेन भी बंद के दौरान कार्यकर्ताओं के साथ साकची गोलचक्कर पर पहुंचे.
देश ब्यूरोक्रेट्स या मंत्री से नहीं चलता, इसमें किसानों व मजदूरों का सबसे ज्यादा योगदान होता है : राकेश्वर
जुलूस में शामिल राकेश्वर पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसान विरोधी बिल लाई है. इसके खिलाफ पूरे भारत में बंद किया गया है. यह बंदी पूरे देश में सफल रही है. केंद्र की मोदी सरकार जब तक किसान बिल वापस नहीं लेती है आंदोलन जारी रहे हैं. किसानों की मांग का अब तक निराकरण नहीं किया गया है. किसानों को देश की सभी संगठनों ने समर्थन दिया है. देश को ब्यूरोक्रेट्स, विधायक और मंत्री ही देश को नहीं चलाते हैं. देश के निर्माण में सबसे ज्यादा किसानों और मजदूरों का ही योगदान होता है, लेकिन केंद्र सरकार उन्हीं के खिलाफ आंदोलन कर रही है. केंद्र सरकार नहीं मानेगी तो यह आंदोलन और उग्र होगा.
सीजीपीसी और गुरुसिंह सभा ने साकची में कराया बंद
दूसरी ओर, सीजीपीसी और गुरुसिंह सभा ने गुरमुख सिंह मुखे के नेतृत्व में साकची बाजार की दुकानों को बंद कराया. इस दौरान बाजार की मुख्य दुकानों के अलावे शॉपिंग मॉल की दुकानों को भी बंद कराया गया. मुखे की अगुवाई में बंद समर्थकों ने साकची शताब्दी टावर में खुली दुकानों और एक कोचिंग संस्थान को जबरन बंद कराया. कोचिंग संस्थान बंद कराए जाने से कोचिंग करने आए छात्रों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. सभी छात्रों को बाहर निकाल दिया गया. इसी तरह साकची कालीमाटी रोड में राजद और कांग्रेस की ओर से हावड़ा ब्रिज के समीप टायर जलाकर मार्ग अवरूद्ध किया गया. हालांकि कुछ देर के बाद सभी नारेबाजी करते हुए चले गए, जिससे उक्त मार्ग से आवागमन सामान्य हो गया.
करनडीह, परसुडीह व सुंदरनगर में पुलिस थी तैनात, आंदलनकारी जबरन नहीं बंद करा पाए दुकानें
दूसरी ओर, ग्रामीण क्षेत्रों में करनडीह, परसुडीह और सुन्दरनगर में भारत बंद का आंशिक असर रहा. तीनों जगहों पर पुलिस की तैनाती के कारण बंद समर्थक जबरन दुकानें नहीं बंद करा पाए. हालांकि स्वेच्छा से कुछ दुकानें बंद दिखीं. टाटानगर स्टेशन पर झामुमो नेता बहादूर किस्कू, जमशेदपुर प्रखंड ग्रामीण अध्यक्ष आशीष ठाकुर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जुलूस की शक्ल में सड़कों पर नारेबाजी की. लेकिन किसी दुकान को जबरन बंद नहीं कराया. बंद समर्थकों को देखकर भले ही कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानों के शटर गिरा दिए. लेकिन बंद समर्थकों के जाते ही पुनः दुकानें खुल गईं.