Delhi/Kolkata : मोदी सरकार के कार्यकाल में लगभग 35,000 भारतीय उद्यमी देश छोड़ कर चले गये हैं. यह कहते हुए बंगाल की ममता सरकार के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने पीएम मोदी का ध्यान देश को हो रहे आर्थिक नुकसान की ओर दिलाया है. खबर है कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से इसको लेकर संसद में एक श्वेत पत्र दाखिल करने की मांग की है. बता दें कि वित्त मंत्री अमित मित्रा द्वारा देश का आर्थिक नुकसान गिनाये जाने पर भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इसका जवाब मोदी सरकार की वित्त मंत्री देंगी.
FM in the Modi Ministry must answer this. Amit has a Ph.D in economics from Duke University and is not one of those fly by night types https://t.co/DmihOEtfJX
— Subramanian Swamy (@Swamy39) October 23, 2021
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भारत दुनिया में पलायन में नंबर 1 पर है
जान लें कि पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने गुरुवार को तीन ट्वीट कर कहा था कि मोदी सरकार के कार्यकाल में करीब 35000 भारतीय उद्यमी देश छोड़ कर चले गये. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से संसद में एक श्वेत पत्र दाखिल करने की मांग की. सुब्रमण्यम स्वामी ने अमित मित्रा के इस ट्वीट से संबंधित अखबार टेलीग्राफ के आर्टिकल को अपने ट्विटर अकाउंट से साझा करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जवाब मांगा. भाजपा सांसद ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मोदी सरकार की वित्त मंत्री को इसका जवाब देना चाहिए. अमित ने ड्यूक विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी किया है और वह रात में उड़ने वालों में से नहीं हैं.
बता दें कि अमित मित्रा ने एक के बाद एक ट्वीट कर देश का आर्थिक नुकसान गिनाया. पहले ट्वीट में अमित मित्रा ने लिखा कि मोदी सरकार में ऊंचे नेटवर्थ वाले करीब 35,000 भारतीय उद्यमियों ने 2014-2020 के बीच एनआरआई/आप्रवासियों के रूप में भारत छोड़ दिया. भारत दुनिया में पलायन में नंबर 1 पर है. आखिर क्यों? भय मनोविकृति ?? प्रधानमंत्री को अपने शासन के दौरान भारतीय उद्यमियों के देश छोड़ने पर संसद में श्वेत पत्र प्रस्तुत करना चाहिए.
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वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने व्यापारिक घरानों के खिलाफ बयान दिया
इस क्रम में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के आंकड़ों के हवाले से लिखा कि 2014-18 के बीच करीब 23000, 2019 में करीब 7000, 2020 में करीब 5000 उद्यमियों ने भारत छोड़ा. उन्होंने पिछले दिनों वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के द्वारा दिये गये भाषण का उल्लेख करते हुए लिखा कि उनके द्वारा भारतीय व्यापारिक घरानों के खिलाफ दिये गये 19 मिनट वाले भाषण को याद करें, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय उद्योग की व्यावसायिक प्रथाओं ने राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम किया और उन्हें राष्ट्र-विरोधी कहा. इसी से भय पैदा होता है जिसकी वजह से लोग पलायन करते हैं.कहा कि आखिर प्रधानमंत्री ने इसके लिए पीयूष गोयल को क्यों नहीं फटकारा