Ranchi: कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग की चुनौतियां बढ़ गई हैं. दूसरे प्रदेशों से रांची आने वाले लोगों की जांच और उनका कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग करने की बात कही जा रही है, लेकिन कोरोना जांच करने वाले कर्मचारियों को बकाए वेतन का भुगतान नहीं होने की वजह से उन्होंने 26 अक्टूबर से हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है. विरोध स्वरूप रांची रेलवे स्टेशन पर कोविड जांच करने वाले कर्मचारियों ने रविवार को काला बिल्ला लगाकर काम किया.
दो महीने से नहीं मिला है वेतन
रांची रेलवे कोविड टेस्टिंग सेंटर में एसआरएफ आईडी और समरी शीट का काम कर रहे मोहम्मद शाहिद अंसारी ने कहा कि कोरोना काल में काम करने के बाद भी हमे पैसे का भुगतान नहीं किया गया है. ना ही हमारी समस्याओं को कोई सुन रहा है. उन्होंने कहा कि जुलाई महीने से काम शुरू किया है. जुलाई महीने का पैसा तो मिला गया है, लेकिन अगस्त और सितंबर महीने का वेतन नहीं मिला है. अब अक्टूबर का महीना भी खत्म होने वाला है.
इसे भी पढ़ें-झूठ बोल रहे अर्जुन मुंडा, एक भी अनुसूचित प्रखंड बताएं जहां एकल विद्यालय खोलने में राज्य सरकार डाल रही बाधा : JMM
बिना नियुक्ति पत्र ही लोगों से करवाया जा रहा है काम
कोविड टेस्टिंग बूथ पर मौजूद उज्जवल तिग्गा ने कहा कि यदि हम लोगों को पैसे का भुगतान नहीं होता है तो मजबूरन 26 अक्टूबर से हड़ताल पर जाना होगा. उन्होंने कहा कि बिना नियुक्ति पत्र के काम करवाया जा रहा है. अपने हक के पैसे के लिए हम सभी को संघर्ष करना पड़ रहा है.
तीन माह से है वेतन मिलने की आस- वर्षा सिन्हा
वहीं वर्षा सिन्हा ने कहा कि सदर अस्पताल के द्वारा जुलाई के महीने में कोविड जांच के लिए काम पर रखा गया है. 12 हजार प्रतिमाह भुगतान करने की बात कही गई, लेकिन अब तीन महीना होने को है, पैसा नहीं मिले हैं. स्थिति ऐसी हो गई है कि कर्ज लेकर घर चलाना पड़ रहा है.
कार्यपालक दंडाधिकारी (सदर) के द्वारा हुई थी इनकी नियुक्ति
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी तब स्वास्थ विभाग के द्वारा जांच की रफ्तार बढ़ाने पर जोर दिया जाने लगा. इसी के तहत कार्यपालक दंडाधिकारी (सदर) राकेश रंजन उरांव ने सिविल सर्जन को कोविड टेस्टिंग टीम बनाने का निर्देश दिया था. करीब 300 की संख्या में लोगों को नियुक्त किया गया, लेकिन अब ये पैसे के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें-चाईबासा: सुईयम्बा के कई डायरिया पीड़ित सदर अस्पताल में भर्ती, कल फिर लगेगा गांव में मेडिकल कैंप
1 टीम में 4 लोग मिलकर करते हैं काम
रांची रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, हटिया रेलवे स्टेशन और बस अड्डा पर कोविड टेस्टिंग बूथ बनाया गया है, ताकि बाहर से आने वाले लोगों का कोविड जांच किया जा सके. रांची रेलवे स्टेशन पर तीन शिफ्ट में कोरोना की जांच की जाती है.सुबह की शिफ्ट में 25 टीमें होती हैं. जबकि शाम की शिफ्ट में 10 टीम. वहीं रात में 7 टीम कोरोना जांच के लिए सैंपल कलेक्ट करने का काम करती हैं. एक टीम में सैंपल कलेक्शन करने वाले, एंट्री करने वाले, एसआरएफ आईडी देने वाले और अशिष्ट करने वाले लोग होते हैं.