LagatarDesk : चीनी सरकार की आलोचना करने वाले को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर जैक मा का है. दरअसल पिछले साल अक्टूबर में जैक मा ने चीन की वित्तीय प्रणाली की आलोचना की थी. जिसके बाद उनके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. चीनी सरकार ने पहले फिनटेक कंपनी Ant Group की लिस्टिंग सस्पेंड कर दी. इसके बाद फिर टेक कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की. जिसके कारण टेक कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आयी. नतीजा ये हुआ कि पिछले साल में अलीबाबा ग्रुप को 344 अरब डॉलर (करीब 25,52,567 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है.
अलीबाबा के मार्केट कैप में आयी भारी गिरावट
इस एक साल में जैक मा के नेतृत्व वाली टेक्नोलॉजी सेक्टर की दिग्गज चीनी कंपनी अलीबाबा की बाजार पूंजी में में करीब 344 अरब डॉलर की भारी गिरावट आयी है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह दुनिया भर में किसी कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन में आयी अबतक की सबसे बड़ी गिरावट है.
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अक्टूबर 2020 की तुलना में आयी 43 फीसदी की गिरावट
बता दें कि हांगकांग के शेयर बाजार में पिछले साल अक्टूबर में अलीबाबा के शेयर रिकॉर्ड हाई स्तर पर थे. लेकिन एक साल में यह निचले स्तर पर आ गये हैं. फिलहाल अलीबाबा के शेयर अक्टूबर 2020 की तुलना में रिकॉर्ड स्तर से करीब 43 फीसदी फिसला है.
जैक मा ने फाइनेंशियल रेग्युलेटर की कड़ी आलोचना की
एंटी मोनोपोली रेगुलेशन को लेकर चीन सरकार से उनका विवाद पिछले एक साल से चल रहा है. उन्होंने चीन के फाइनेंशियल रेग्युलेटर और सरकारी बैंकों की तीखी आलोचना की थी. जैक मा ने Basel Accords पर भी सवाल खड़े किये थे. बीजिंग ने Alibaba पर एंटीट्रस्ट प्रोब जांच शुरू कर USD 2.8 बिलियन का जुर्माना लगा दिया था.
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विवाद के बाद अलीबाबा का शुरू हुआ बुरा दौर
चीनी सरकार से विवाद के बाद से अलीबाबा ग्रुप का बुरा दौर शुरू चल रहा है. जैक मा पहले खुद गायब हो गये थे. तब से जैक मा खुलकर पब्लिकली सामने नहीं आये हैं. रिपोर्ट्स की मानें हाल में तो फिलहाल वो हांगकांग में रह रहे हैं.
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