Ranchi: झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के नेतृत्व में कांग्रेस ने रांची में किसान अधिकार दिवस का आयोजन किया.
इसे भी पढ़ें –पलामू: उपायुक्त ने लगाया साप्ताहिक जनता दरबार, आवेदनों के निष्पादन के दिये निर्देश
तीनों कानूनों को बताया काला कानून
केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये तीनों कानूनों को काला कानून बताकर इसे तत्काल वापस लेने, पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमत और बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने को लेकर राजभवन मार्च का आयोजित किया.
राजभवन मार्च में मंत्री बादल पत्रलेख,बन्ना गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, सांसद गीता कोड़ा, विधायक प्रदीप यादव, बंधु तिर्की,दीपिका पाण्डेय सिंह,राजेश कच्छप, इरफान अंसारी,नमन विक्सल कोंगाड़ी,प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोरनाथ शाहदेव,राजेश गुप्ता छोटू,रवीन्द्र सिंह,विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह,ममता देवी,सोना राम सिंकू समेत राज्य के विभिन्न जिलों से आये हजारों कार्यकर्त्ता मौजूद रहे.
इसे भी पढ़ें –सिमडेगाः अधिकारों में कटौती से नाराज 21 ग्रामसभाओं ने वनाधिकार पट्टा लेने से किया इनकार
सभा में पीएम मोदी को बताया तानाशाह
राजभवन मार्च के पूर्व मोराहाबादी मैदान में एक सभा का आयोजित किया गया. जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रवैये को तानाशाह बताते हुए उनपर जमकर निशाना साधा.
इसे भी पढ़ें –मसानजोर डैम मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार, दो सप्ताह में एफिडेविट दायर करने का आदेश
किसानों की शहादत पर रखा मौन
राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान से राजभवन मार्च के लिए निकलने के पहले आरपीएन सिंह ने 60 किसानों की शहादत पर 2 मिनट का मौन रखा. उन किसानों के आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जिन्होंने अपने आंदोलन के दौरान जान गंवायी है.
इसे भी पढ़ें –ओरमांझी हत्याकांड का मास्टरमाइंड बेलाल और उसकी पत्नी की मेडिकल जांच की गयी
बिना विलंब के कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए
प्रभारी आरपीएन सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने किसानों के रीढ़ पर प्रहार किया है. अब बिना विलंब किये केंद्र सरकार इस नये काले कानून को वापस लें. उन्होंने कहा कि झारखंड में कांग्रेस गठबंधन की सरकार ने अपने वायदे के मुताबिक किसानों का ऋण माफ किया. केंद्र में भी जब-जब कांग्रेस सरकार बनी किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी किया गया.
यूपीए सरकार में 70 हजार करोड़ रुपये के ऋण माफ किये गये. लेकिन अब केंद्र की भाजपा सरकार किसानों के साथ वादा खिलाफी में जुटी है.
इसे भी पढ़ें –देवघर: ट्रांसफर को लेकर बीटीटी में असंतोष, अनिश्चितकालीन धरना की तैयारी
किसानों की मांग को तुरंत मान लेना चाहिए- रामेश्वर उरांव
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर संविधान को मानते है, तो उन्हें किसानों की मांग को तुरंत मान लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों की मांग जायज है और हर तरीके से उचित है. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य को जारी रखने, मंडी को बचाने और कांट्रेक्ट फॉर्मिंग का विरोध कर रहे है, किसानों की यह तीनों मांगों को तत्काल मान लेना चाहिए.
इसे भी पढ़ें –आर्मी डे पर सेना प्रमुख नरवणे ने कहा, गलवान में हमारे सैनिकों का बलिदान बेकार नहीं जायेगा
यह आंदोलन पूरे देश के किसानों का है- रामेश्वर उरांव
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा नेताओं की ओर से यह अफवाह फैलाने की कोशिश की जा रही है. कि इस किसान आंदोलन से झारखंड का कुछ लेना-देना नहीं है, लेकिन आज राजभवन मार्च में गांव-देहात से आ रहे किसानों को देख कर यह आसानी से समझा जा सकता है. कि यह आंदोलन पूरे देश के किसानों का है.
केंद्र सरकार से किसानों को नहीं है भरोसा – आलम
वही कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि 51 दिन से किसान आंदोलनरत है, तीनों काले कानून को वापस लिया जाना ही इसका समाधान है. उन्होंने कहा कि बार-बार किसान प्रतिनिधियों के साथ केंद्र सरकार बातचीत कर रही है. लेकिन इसका कोई फलाफल नहीं मिल पा रहा है. इसलिए पार्टी भी यह मांग करती है कि जल्द से जल्द तीनों नये कृषि कानून को वापस ले लिया जाये. केंद्र सरकार किसानों को विश्वास में लेने में पूरी तरह से असफल हो चुकी है।.
इसे भी पढ़ें –रूपेश हत्याकांड पर पत्रकारों का सवाल सुनते ही भड़के सुशासन बाबू, कहा – पति-पत्नी का जंगलराज क्यों भूल गये?
केंद्र सरकार किसानों को हराने की साजिश कर रही – बादल
सभा को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि गठबंधन की सरकार को किसानों के प्रति दर्द है इसलिए हमने अपने पहले ही वर्ष में दो हजार करोड़ कृषि ऋण माफ करके किसानों को एक सौगात देने का काम किया है, हमारा मानना है कि केंद्र की सरकार जानबूझकर किसानों को थकाने और हराने की साजिश कर रही है. मैं किसानों के बीच रहकर आया हूँ और मुझे उनकी दुख और पीड़ा का एहसास है. भाजपा के यह किसानों के प्रति तानाशाह रुख अपनाए हुए हैं. जो देश के लिए सही नहीं है.
इसे भी पढ़ें –बेरोजगार हैं, नौकरी की तलाश में हैं, सरकार से उम्मीद भी है, तो इस लेख को पढ़ें