NewDelhi : दिल्ली महिला आयोग (DCW) की चेयरपर्सन स्वाति मालिवाल ने कंगना को दिया गया पद्मश्री सम्मान वापस लेने की मांग की है. बता दें कि कंगना रनौत की आजादी वाली टिप्पणी का चौतरफा विरोध हो रहा है. इसे लेकर अब स्वाति मालिवाल भी मैदान में कूद गयी हैं. उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र भेजा है. उसमें लिखा कि कंगना रनौत की मानसिक स्थिति ठीक नहीं लग रही है. ऐसे में उनको दिया गया नागरिक सम्मान पद्मश्री वापस लिया जाना चाहिए और उनपर राष्ट्रद्रोह की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाये.
कंगना रनाउत ऐसी महिला है जिसे गांधी भगत सिंह की शहादत मज़ाक़ लगती है और लाखों लोगों की त्याग तपस्या से हासिल आज़ादी भीख लगती है! इसको पुरस्कार की नही इलाज की ज़रूरत है!
मैंने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है कि तुरंत रनाउत का पद्म श्री वापिस लेके उसपे राष्ट्रद्रोह की FIR होनी चाहिए! pic.twitter.com/GqlwwUSpfK
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) November 14, 2021
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कंगना आदतन अपने देश के लोगों के खिलाफ जहर उगलती रहती हैं
मालिवाल ने पत्र में लिखा है कि यह कोई अकेला मामला नहीं है. कंगना आदतन अपने देश के लोगों के खिलाफ जहर उगलती रहती हैं और खुद से असहमति रखने वालों के खिलाफ बेहद घटिया भाषा का इस्तेमाल करती रही हैं. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के अनुसार, कंगना का व्यवहार पद्मश्री के लायक नहीं है.
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कंगना ने पूछा, 1947 में कौन-सी जंग हुई थी?
आजादी को भीख बताकर ट्रोल हो रहीं कंगना रनौत ने खुद पर हो रहे हमले को लेकर पलटवार किया है. कहा है कि वह पद्मश्री सम्मान लौटा देंगी, अगर कोई उन्हें यह बताये कि 1947 में क्या हुआ था. कंगना ने लिखा है, 1857 में आजादी की पहली सामूहिक लड़ाई सुभाष चंद्र बोस, सावरकर जैसे लोगों के बलिदान के साथ शुरू हुई. लेकिन 1947 में कौन-सा युद्ध हुआ था, मुझे पता नहीं है. अगर कोई मुझे बता सकता है तो मैं अपना पद्मश्री वापस कर दूंगी और माफी भी मांगूंगी.