अंचल से लेकर राज्य तक कोई भी पदाधिकारी मौलिक अधिकारों पर क्रियान्वयन करने में नकाम रहे: मंच
– ग्राम सभा मंच का लुपुंगुटू झरना में घनश्याम गागराई की अध्यक्षता में बैठक
Chaibasa : ग्रामसभा मंच कोल्हन प्रमंडल चाईबासा की लुपुंगुटू झरना में घनश्याम गागराई की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में 10 प्रखंड के प्रतिनिधि उपस्थिति थे. बैठक में कहा गया कि सरकार कई नियम बनाती है, लेकिन उसका पालन नहीं होता है. इसके कारण सुदूर गांव के वनाश्रित, आम ग्रामीण, मुंडा-मानकी आदि लभान्वित होने से वंचित हो रहे हैं. अंचल से लेकर राज्य तक कोई भी पदाधिकारी मौलिक अधिकार लागू करने में नाकाम रहे हैं. 14-15 साल बीतने के बावजूद वन अधिकार कानून 2006 को धरातल पर नहीं उतारा जा सका. आईएएस अफसर तक इस कानून को लागू करने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं. साल में एक भी सामूदायिक पट्टा नहीं दे पा रहे हैं. सभी पदाधिकारी वन विभाग की कठपुतली बने हुए हैं. बार-बार सीएनटी एक्ट, एसपीटीएक्ट का भी संशोधन करने का षंड्यंत्र रचा जाता रहा है. सरकार ने पेसा 1996 को लागू करने में नकाम रही है तथा स्वशासन व्यवस्था पर सरकार का सोच या मंशा सकारात्मक नहीं रहा है. इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बुधवार को ग्रामसभा मंच, कोल्हन प्रमंडल, चाईबासा के दिशा निर्देश पर जिला स्तरीय ग्रामसभा मंच कोल्हन, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा का गठन किया गया. समिति में प्रत्येक प्रखंड से पांच-पांच सदस्य चुने गए हैं. इसमें तीन पुरूष और दो महिला सदस्य हैं. यानि कुल 50 सदस्यों की सामान्य समिति गठित की गई है.
अध्यक्ष बने रमेश तामसोय
सामान्य सदस्यों में से अध्यक्ष के रूप में रमेश तामसोय, ग्राम-कुमिरता, प्रखंड कुमारडुंगी, उपाध्यक्ष विनीता जेराई, गांव डिन्डीबुरू, प्रखंड मझगांव, सचिव नरायण कान्डेयंग, गांव मडकमहातु, प्रखंड खूंटपानी, सहसचिव तुराम मुन्दुईया, गांव- गोतोमपी, प्रखंड टोन्टो और कोषाध्यक्ष के लिए फुलमनी दोराईबुरू, गांव टंगराई, प्रखंड मंझारी का चयन किया गया. सलाहकार के रूप में सोहनलाल कुम्हार, घनश्याम गागराई, शिवकर पूर्ति, सुखराम मुंडा, रंजीत किंडो, करमू मार्डी और ग्रामसभा मंच, सरायकेला के अध्यक्ष मनसिंह मुंडा, सचिव राजेश मुंडरी, झारखंड जंगल बचाओ अंदोलन के जिला प्रभारी, सरायकेला के भरत सिंह मुंडा भी उपस्थित थे.