Saraikela/Kharsawan : सेंट्रल सिल्क बोर्ड (कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार) के बुनियादी बीज प्रगुणन और प्रशिक्षण संस्थान (बीएसएमटीसी) की ओर से कुचाई के पुनीबुढ़ी में तसर किसान जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर बीएसएमटीसी के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ तिरुपम रेड्डी ने तसर किसानों को नई तकनीक अपना कर उन्नत खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया. बेहतर खेती के लिए नित नई तकनीक का इजाद हो रहा है. उन्होंने क्षेत्र के अधिक से अधिक किसानों को तसर की खेती से जुड़ने की अपील की. उन्होंने कहा कि तसर किसानों को तसर की खेती के लिए सरकार की ओर से कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं. वैज्ञानिक तरीके से तसर की खेती कर किसान अधिक आमदनी कर सकते हैं.
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डॉ रेड्डी ने कहा कि सिल्क के कारण खरसावां-कुचाई को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल गई है. इसे और अधिक आगे ले जाने की आवश्यकता है. इस दौरान तसर किसानों और बुनकरों को सरकार के बीज अधिनियम की विस्तार से जानकारी दी गई. इस दौरान किसानों को तसर कोसा की उपज बढ़ाने के तरीके भी बताए गए. मौके पर बड़ी संख्या में तसर किसान, बुनकर समेत तसर उद्योग से जुडे़ लोग पहुंचे थे.