Koderma: कोडरमा के सतगावां प्रखंड स्थित नरायडीह सकरी नदी के पास बन रहे डिग्री कॉलेज निर्माण कार्य में बालश्रम अधिनियम की धज्जियां उड़ रही हैं. बताया जाता है कि करोड़ों रुपए की लागत से बन रहे डिग्री कॉलेज में 12-13 वर्ष की बच्चियों से काम कराया जा रहा है. जबकि यह उम्र इन बच्चियों के पढ़ने की है. संवेदक व मुंशी के द्धारा इन बच्चियों को पैसे का लोभ देकर कार्य करवाया जा रहा है.
बता दें कि सरकार द्वारा यह टेंडर कर डिग्री कॉलेज निर्माण कार्य के संवेदक को नियमानुसार काम कराने के लिए इकरारनामा कराया गया है. लेकिन इकरारनामे के नियमों को ताक पर रख बाल मजदूरों से काम कराया जा रहा है. एक ओर जहां सरकार बचपन बचाओ, बेटी पढाओ के नारे लगा रही है, वहीं दूसरी ओर इन बच्चियों के पढ़ने की उम्र में इनसे काम लिया जा रहा है. इस पर ना प्रखंड प्रशासन की नजर है और ना ही जिला प्रशासन की. जिससे बालश्रम अधिनियम की धज्जियां उड़ रही हैं.
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यहां कई बार नेताओं का भी दौरा हुआ है. स्थल का निरीक्षण भी किया गया है. लेकिन कोई भी बाल मजदूरी पर सवाल खड़ा नहीं कर रहा है. इससे साफ जाहिर होता है कि संवेदक के मुंशी के साथ-साथ प्रखंड के पदाधिकारियों की भी सांठगांठ है. यहां के स्थानीय समाज के लोगों ने बाल मजदूरों से काम कराए जाने पर मुख्यमंत्री से जांच की गुहार लगाई है. लोगों ने कहा कि ऐसे संवेदक पर कार्रवाई की जानी चाहिए.
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