Adityapur : झारखंड के सबसे बड़े पर्व टुसू शुक्रवार को मकर स्नान के साथ ही शुरू हो गया. यह पर्व एक हफ्ते तक मनाया जाएगा. वैसे छोटानागपुर में बाउड़ी से ही मकर की शुरुआत हो जाती है. घरों में पीठा-पकवान की बनाए जाते हैं. मकर संक्रांति के मौके पर नदियों और जलाशयों में पवित्र स्नान के बाद लोग दान-पुण्य कर टुसू की पूजा अर्चना करते हैं. हालांकि कोरोना महामारी के कारण इस साल टुसू मेले पर रोक रहेगी. आदित्यपुर-जमशेदपुर के दोमुहानी स्थित संगम पर आदिवासी-मूलवासी समाज के लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. पवित्र स्नान के बाद लोग अपने घरों में ही अपने परिवार के साथ मकर पर्व मनाएंगे. हालांकि हिन्दू पंचांग में मतैक्य को लेकर कुछ लोग आज तो कुछ लोग शनिवार को मकर स्नान करेंगे. बनारसी पंचांग को मानने वालों का मानना है कि सूर्य आज दोपहर बाद मकर रेखा में प्रवेश करेंगे. इसलिए शनिवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी और लोग नदी आस्था की डुबकी लगाएंगे. बता दें कि सूर्य के दिशा परिवर्तन होने पर मनाई जाने वाली स्नान व दान पुण्य का त्योहार मकर संक्रांति पर शुक्रवार को भी सुबह श्रद्धालु भक्तों ने आसंगी, सपड़ा, राधा स्वामी सत्संग नदी घाट पर श्रद्धा की डुबकी लगाई और नए अन्न व पैसे का दान गरीबों में किया.
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सपड़ा में हुई सबसे अधिक भीड़
सबसे ज्यादा भीड़ सपड़ा में नदी किनारे देखी गई. वहीं आसंगी में सरकार के गाइड लाइन का पालन करते हुए मेला लगाया गया और झारखंड की संस्कृति का लोगों ने लुत्फ उठाया. यहां स्नान दान के बाद लोग टुसू के गीतों पर थिरक रहे थे. मेला कमेटी के सदस्य विनोद प्रधान ने कहा कि हर वर्ष यहां भारी भीड़ लगती थी, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से संस्कृति की रक्षा के लिए छोटे मेले का आयोजन किया गया है. इसमें कई गणमान्य लोग शामिल हुए हैं. वहीं राधा स्वामी सत्संग मार्ग घाट पर लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई और दान पुण्य किया.