Ranchi: तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा की 09 जुलाई 2008 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) कर रही है. हत्याकांड के इस मामले में एनआईए ने दो नक्सलियों को मोस्ट वांटेड घोषित किया है. एनआईए ने एक करोड़ का इनामी पतिराम मांझी और गुरुवा मुंडा को मोस्ट वांटेड घोषित किया था. साल 2021 के नवंबर महीने में झारखंड पुलिस ने प्रशांत बोस को गिरफ्तार किया था. इसके बाद एनआईए को पतिराम मांझी और गुरुवा मुंडा की तलाश है. पतिराम मांझी के ऊपर पांच लाख का इनाम भी घोषित किया है.
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एनआईए कर रही है मामले की जांच
रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की जांच झारखंड पुलिस की सीआईडी कर रही थी. जिसके बाद 30 जून 2017 को एनआईए ने रांची के बुंडू थाना में दर्ज मामले को टेकओवर करते हुए कांड संख्या आरसी 11/2017 डीएलए दर्ज किया था. इस मामले में एनआईए ने आइपीसी की धारा 302, 379, 120B और 34, आर्म्स एक्ट, यूएपी की धारा के तहत मामला दर्ज किया है. इस मामले की जांच जारी है.
खेल समारोह में भाग लेने के दौरान हुई थी हत्या
रमेश सिंह मुंडा 9 जुलाई 2008 को बुंडू के एसएस हाईस्कूल में खेल समारोह में भाग लेने गए थे. वे समारोह को संबोधित कर रहे थे. तभी नक्सली स्कूल पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग की. इसमें विधायक की मौत हो गई. दो बॉडीगार्ड और एक युवक भी मारा गया. लेकिन तीसरा बॉडीगार्ड शेषनाथ सिंह बच गया. उसे खरोंच तक नहीं आई. इसे संयोग समझा गया. बाद में एनआईए ने शेषनाथ सिंह को धनबाद से गिरफ्तार किया था. और पहली बार खुलासा किया कि नक्सली गिरोह ने इसी की सूचना पर स्कूल आकर विधायक को गोली मारी गयी थी.
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