NewDelhi : भारतीय सीमा पर चीन द्वारा 624 गांवों के निर्माण का काम पूरा हो गया है. खबर है कि चीन ने हिमालय की गोद में बनाये गये इन गांवों का निर्माण या तो विवादित सीमा के अंदर या फिर कब्जा किये गये इलाकों में किया है. बता दें कि चीन सरकार ने अपने दस्तावेज में खुलासा किया था कि कुल 624 गांव बनाये जाने हैं.
Latest success in China’s high-altitude territorial revisionism: With Indians perennially distracted by domestic issues, including a never-ending election cycle, China has quietly completed the 624 villages that it set out to build in disputed or captured Himalayan border areas. pic.twitter.com/0o1ZhGa2Nf
— Brahma Chellaney (@Chellaney) March 21, 2022
रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने चीन की सरकारी वेबसाइट तिब्बत डॉट सीएन के हवाले से जानकारी दी है कि चीन की सरकार ने साल 2021 में इन गांवों का निर्माण कार्य पूरा किया है. चेलानी ने कहा कि भारत चुनावों और घरेलू राजनीति में व्यस्त है. इसी बीच चीन ने चुपके से भारत से लगी सीमा पर 624 गांवों को बसाने का काम पूरा कर लिया है. कहा कि साल 2017 में चीन के राष्ट्रपति ने तिब्बती चरवाहों को सीमा पर बसने का आदेश दिया था. इसके बाद से इन गांवों को बसाने का काम तेज हो गया.
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तिब्बती गांवों में बिजली, इंटरनेट, पानी और मजबूत सड़क सबकुछ
चीन का दावा है कि तिब्बत स्वाायत्त इलाके में बनाये गये इन सभी 624 गांवों में बिजली, इंटरनेट, पानी और मजबूत सड़कों का निर्माण किया गया है. यहां खाना, कपड़ा, घर और ट्रांसपोर्ट की सुविधा काफी बेहतर की गयी है. वेबसाइट ने एक ग्रामीण के हवाले से कहा, अब हमारे पास बिजली की पहुंच है. सभी इलेक्ट्रानिक उपकरणों का इस्तेमाल हम कर सकते हैं. जीवन अब काफी आसान हो गया है. इन गांवों को पावर ग्रिड से जोड़ा गया है ताकि बिजली की समस्या का समाधान किया जा सके.
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चीन ने लोगों को पैसे देकर भारतीय सीमा से लगे इलाकों में बसाया
कहा गया है कि चीन ने इन गांवों में अच्छे मकान और अस्पताल भी बनाये हैं. यहां रह रहे लोग पैसा कमा सकें, इसके लिए भी इंतजाम करने का दावा किया गया है. जानकारी के अनुसार लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन ने लोगों को पैसे देकर भारतीय सीमा से लगे इलाकों में बसाया है.
हालांकि भारत- चीन के बीच जारी तनातनी को देखते हुए आम नागरिक इन गांवों में रहने से घबरा रहे हैं, लेकिन चीन इन लोगों को तरह-तरह के लालच देकर फंसाने की कोशिश कर रहा है. कुछ दिनों पहले अमेरिकी रिपोर्ट में भी दावा किया गया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारत से लगी सीमा के नजदीक गांवों का निर्माण किया है
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चीन सरकार लोगों को प्रति वर्ष 30,000 युआन दे रही है
द टेलीग्राफ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार चीनी गांव काफी दूर दराज के इलाके में बनाये गये हैं. इसके अलावा यहां मौसम भी लोगों के रहने के लिए अनुकूल नहीं है. ऐसे में चीन लोगों को लुभाने के लिए सड़कों, पानी, बिजली और कम्यूनिकेशन नेटवर्क को दिखा रहा है. इन लोगों को मुफ्त में उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे को देने का ऑफर भी दिया जा रहा है.
दिल्ली स्थित थिंक-टैंक विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन ने तिब्बत डेली की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि चीन सरकार इन गांवों में रहने के लिए लोगों को प्रति वर्ष 30,000 युआन भी दे रही है. भारतीय मुद्रा में यह राशि करीब साढ़े तीन लाख के आसपास है. इस रिपोर्ट में कई लोगों ने चीन से मिल रहे पैसों को बात को स्वीकार किया है.
तिब्बात डेली की रिपोर्ट कहती है कि चीन ने लोगों को बहकाने के लिए बड़ी संख्या में दलालों को तैनात किया हुआ है. इस भारतीय जनता पार्टी के सांसद तापिर गाओ ने भी कहा है कि चीन ने हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है.
चीन सीमा पर भारत ने भी बसाने शुरू किये हैं गांव
जान लें कि चीन का जवाब देने के लिए भारत ने अरुणाचल से लेकर देश के अन्य हिस्सों में गांव बसाने शुरू किये हैं. भारत ने सीमा पर गांवों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की योजना का ऐलान भी बजट में किया है. भारत ने कहा है कि सीमावर्ती गांव विरल आबादी , सीमित संपर्क और बुनियादी ढांचे के अभाव में अकसर विकास के लाभ से वंचित रह जाते हैं. उत्तरी सीमा पर ऐसे गांवों को नये वाइब्रेंट गांव कार्यक्रम के तहत कवर किये जाने की बात कही गयी है.
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