Mumbai : महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों भूचाल आया हुआ है. AIMIM सांसद इम्तियाज जलील ने कहा है कि भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए उनकी पार्टी शिवसेना की अगुवाई वाली सत्तारूढ़ महाविकास अघाडी के साथ हाथ मिलाने को तैयार है. कहा है कि वे उद्धव ठाकरे हमारे भी सीएम हैं. वे उनसे मिलने का समय लेंगे. कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि वे मानेंगे. मैं उनके सामने एमवीए गठबंधन से दोस्ती का प्रस्ताव पेश करूंगा.
शिवसेना ने अजान प्रतियोगिता शुरू की है
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने जलील के बयान को लेकर शिवसेना पर हल्ला बोला है. कहा कि शिवसेना और एमआईएमआईएम के गठजोड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. शिवसेना ने अजान प्रतियोगिता शुरू की है और वह जनाब बालासाहब ठाकरे भी कह रही है. बता दें कि सीएम उद्धव ठाकरे ने ओवैसी की पार्टी से गठबंधन की बात को सिरे से खारिज कर दिया था.
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एआईएमआईएम ने 2019 के चुनाव में दो सीटें जीती थीं
संजय राउत ने निशाना साधते हुए कहा था कि महा विकास अघाड़ी तीन पार्टियों का गठबंधन है, इसमें किसी चौथे पार्टनर के लिए जगह नहीं है. राज्यसभा सांसद ने AIMIM पर भाजपा का गुपचुप तरीके से साथ देने का भी आरोप लगाया. उन्होंने जलील के प्रस्ताव के ठुकराते हुए ये बातें कहीं. एआईएमआईएम ने 2019 असेंबली चुनाव में दो सीटें जीती थीं.
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औरंगजेब की मजार के सामने सिर झुकाने वाले स्वीकार नहीं
संजय राउत ने जलील के सुझाव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि जो औरंगजेब की मजार के सामने सिर झुकाते हैं, वो महाराष्ट्र के लिए स्वीकार्य नहीं हो सकते हैं.
शिवसेना के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने आरोप लगाया कि एमवीए के साथ हाथ मिलाने की एमआईएमआईएम की पेशकश के पीछे देवेंद्र फड़णवीस हैं.
औरंगजेब ने देश पर शासन किया था
उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि ओवैसी एमवीए से जुड़े, जिससे हिंदुत्व पर चलने वाली शिवसेना से लोग नाराज हो जाएं और गठबंधन बिखर जाये. AIMIM के औरंगाबाद के सांसद जलील ने यह आरोप खारिज किया कि उनकी पार्टी भाजपा की बी टीम है. औरंगजेब का समर्थक होने के सवाल पर कहा कि कोई भी मुसलमान किसी कब्र के सामने सिर नहीं झुकाता.
लेकिन हकीकत यह है कि औरंगजेब ने देश पर शासन किया था. हमारे यहां रवायत है कि कब्र दुश्मन की हो तो भी उसके आगे सिर झुकाओ. अपने चुनाव क्षेत्र में औरंगजेब के गुंबद पर उनका कहना था कि उसका कोई मतलब नहीं है. मुस्लिम लोग भी शिवाजी को पसंद करते हैं.