LagatarDesk : रूस-यूक्रेन वार का इफेक्ट भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने लगा है. रेटिंग एजेंसी फिच ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटा दिया है. एजेंसी ने ग्रोथ रेट अनुमान को 8.5 फीसदी कर दिया है. जो पहले 10.3 फीसदी था. इतना ही नहीं फिच ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को 8.1 फीसदी से बढ़ाकर 8.7 फीसदी कर दिया है.
फिच ने महंगाई बढ़ने का अनुमान जताया
रूस दुनिया की लगभग 10 फीसदी एनर्जी की आपूर्ति करता है. जिसमें उसकी नैचुरल गैस का 17 फीसदी और तेल का 12 फीसदी हिस्सा शामिल है. तेल और गैस की कीमतों में उछाल से उद्योग की लागत बढ़ेगी. इससे उपभोक्ताओं की वास्तविक आय में कमी आयेगी. इससे आने वाले समय में महंगाई और ज्यादा बढ़ेगी.
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चालू वर्ष के लिए मूडीज ने घटाया जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान
बता दें कि इससे पहले मूडीज ने चालू वर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटाकर 9.1 फीसदी कर दिया. जो पहले 9.5 फीसदी था. रेटिंग एजेंसी ने अपने वैश्विक व्यापक परिदृश्य 2022-23 में कहा कि भारत की वृद्धि दर 2023 में 5.4 फीसदी रह सकती है. इस रिपोर्ट में कहा गया कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से वैश्विक आर्थिक वृद्धि को नुकसान हो सकता है.
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वर्ल्ड जीडीपी ग्रोथ का अनुमान भी घटाया
एजेंसी ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध और रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों ने वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति को खतरे में डाल दिया है. प्रतिबंधों को किसी भी समय जल्द ही रद्द किये जाने की संभावना नहीं है. इतना ही नहीं फिच ने वर्ल्ड जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 0.7 फीसदी अंक घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया.
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