Chaibasa : जिला तृणमुल कांग्रेस की ओर से 202वीं शहीद दिवस पर शुक्रवार को चाईबासा स्थित शहीद पार्क में वीर शहीदों की श्रद्धांजलि दी गयी. कार्यक्रम में वीर शहीदों के स्मारक पर पुष्प अर्पित कर नमन किया गया. तृणमूल कांग्रेस के वरीय उपाध्यक्ष चित्रसेन सिंकु ने कहा कि 25 मार्च 1820 के द्वितीय हो अंग्रेज संग्राम में कोल्हान के सैकड़ों लोग शहीद हुए थे. उन शहीदों ने कोल्हान के जल, जंगल और जमीन की रक्षा, संप्रुभता और स्वतंत्रता को अक्षुण्ण् बनाये रखने के लिए अपनी कुर्बानी दी थी. मेजर रफसेज जब कोल्हान के ह्दयस्थल चाईबासा में अपने सैनिकों के साथ कैंप कर किसी की अधीनता स्वीकार नहीं करनेवाले कोल्हान के हो लोगों पर अधिपत्य स्थापित करना चाहा तो हजारों हो समुदाय के लड़ाकू योद्धाओं ने मेजर रफसेज और उनके सैनिकों को चारों ओर से घेर लिया और तीरों की बारिश शुरू कर दी थी. अपने को चारों ओर घिरा पाकर मेजर रफसेज ने फायरिंग का आदेश दिया.
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फायरिंग में 200 हुये थे शहीद
फायरिंग में 50 हो योद्धा शहीद हो गये थे. इसके पूर्व नरसंडा और लुकियालोर में अंग्रेजों के घोड़ों के लिए घास काट रहे दो लोगों को लड़ाकू ने मार डाला था. फायरिंग के बाद जब हो लड़ाकू तितर-बितर हो गये तो वह लाश लेने लुकियालोर पहुंचे तो वहां पहले से घात लगाये लड़ाकूओं ने तीर बरसाना शुरू किया. वहा पुन: फायरिंग की गयी थी और करीब 150 योद्धा मारे गये थे. दोनों जगह की फायरिग में करीब 200 लोग शहीद हुये थे.
मौके पर ये थे मौजूद
मौके पर महेंद्र जामुदा, नारायण सिंह पूर्ति, पूर्व सांसद दुर्गा प्रसाद जामुदा, शीतल पूरती, मंगल सरदार, अमृत मांझी, जगदीश सिंकु, सुमन ज्योति सिंकु, अंसार अहमद, श्यामल, राजू मांझी, विनीत लागुरी, गुरूचरण सिंकु, सुखलाल तांती, गोविंद तांती, धर्मराज हेंब्रम, जगन्नाथ दिग्गी, आश पूर्ति एवं सैकड़ों लोग मौजूद थे.
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