Bokaro : जिले का सदर अस्पताल में अव्यवस्था का आलम देखने को मिल रहा है. जहां करोड़ो रुपये खर्च करने के बाद भी लोगों को सुविधा नहीं मिल पा रही है. सदर अस्पताल में विजिटर महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है. जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. शौचालय नहीं होने के कारण वहां इलाज कराने जाने वाली महिलाओं को काफी परेशानी होती है.
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पुरूषों के शौचालय की स्थिती भी खराब
वहीं अस्पताल में एक शौचालय है. जिसे पुरूष इस्तेमाल करते है. लेकिन उसकी हालत भी काफी खराब है. पुरूषों की शौचालय में साफ- सफाई नहीं होने के कारण उसे भी लोग उपयोग करने से बचते ही है. पुरूष शौचालय का फलस भी टूटा हुआ है, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है.
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सिविल सर्जन को इस विषय में नहीं है जानकारी
जब अस्पताल में महिला शौचालय नहीं होने की बात बोकारो के सिविल सर्जन से पूछा गया तो उन्होंने बताय़ा कि महिला पेशेंट के लिए शौचालय है. परंतु विजिटर्स महिला के लिए शौचालय है कि नहीं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. सिविल सर्जन ने कहा कि मामले की संज्ञान में आने के बाद हम खुद विजिट करके देखेंगे.
अब आप खुद ही सोचे कि सिविल सर्जन साहब को यह पता ही नहीं है, कि बोकारो के सदर अस्पताल में शौचालय है कि नहीं है. इसे आप यह अंदेशा लगा सकते है कि सदर अस्पताल में आने वाली महिलाओं को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता होगा.
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शौचालय नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण
एक तरफ जहां सरकार यह दावा करते नहीं थक रही है कि अब गांव के हरेक घर में शौचालय से गांव शौच मुक्त हो गया हैं. वहीं दूसरी तरफ सदर अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर महिलाओं के लिए शौचालय नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. अब देखना यह होगा कि बोकारो के सिविल सर्जन के संज्ञान में आने के बाद महिलाओं के लिए शौचालय की क्या व्यवस्था करवाते हैं.
वही इलाज कराने आयी एक महिलाओं ने बताया कि शौचालय नहीं होने से हम सभी को काफी दिक्कत होता है. पुरुष वर्ग तो बाहर चले जाते हैं परंतु हम महिलाओं को काफी कुछ सोचना पड़ता है ऐसे में अस्पताल प्रबंधक को महिलाओं के लिए शौचालय अवश्य बनवाना चाहिए. शौचालय नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है.
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