Dhanbad : धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के महामंत्री रामधारी ने कहा है कि श्रमिक संगठनों (BMS को छोड़कर) के आह्वान पर 28 से 29 मार्च की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को कोयला कर्मियों ने सिरे से नकार दिया. उन्होंने कहा है कि श्रमिकों ने हड़ताल को नकारने और राष्ट्रहित में कोल इंडिया की बेहतरी के लिए वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में ज्यादा से ज्यादा कोयला उत्पादन करने के लिए सभी कोल कर्मी बधाई के पात्र हैं.
उन्होंने कहा कि कोयला उद्योग से संबंधित कोई मांग नहीं थी. राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए हड़ताल की गई है. कर्मियों ने समय को भांप लिया और हड़ताल को असफल कर राष्ट्र विरोधी ताकतों के मंसूबे पर पानी फेर दिया है. कहा कि इस हड़ताल के संबंध में भारतीय मजदूर का शुरू से ही मानना है कि कोयला उद्योग में कार्यरत कर्मियों की कोई मांग ही नहीं है. यह हड़ताल पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है. हड़ताल श्रमिकों का अंतिम अस्त्र है, जिसका उपयोग उन्हें अपने हित में अंतिम विकल्प के रूप में करना चाहिए, ना की राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए. उन्होंने कहा कि इस हड़ताल को नकार कर कोल कर्मियों ने अपनी चट्टानी एकता का परिचय देते हुए सिद्ध कर दिया कि कोयला मजदूरों को बलि का बकरा बनाने का प्रयास सफल नहीं हो सकता.
यह भी पढ़ें : धनबाद : कांग्रेस का ‘महंगाई मुक्त भारत’ अभियान 31 मार्च से