Sunil Pandey
Jamshedpur: राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की सीमा बढ़ा दी है. खर्च बढ़ाने का आधार महंगाई दर में बढ़ोतरी तथा प्रचार सामग्रियों के मूल्य में बेतहाशा वृद्धि बताया गया है. इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से सभी जिलों के निर्वाची पदाधिकारियों को पहले ही पत्र भेजकर सूचित कर दिया था.
इसे भी पढ़ें: जमशेदपुर: 150 करोड़ लेकर भागने वाले मैक्सीजोन कंपनी पर साकची थाने में एफआइआर
जिला परिषद के प्रत्याशी 2.14 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे
2015 की अपेक्षा इस बार मुखिया प्रत्याशी 85 हजार रुपया तक खर्च कर सकेंगे, जबकि पंचायत समिति सदस्य के खर्च की सीमा 71000 रुपये होगी. जिला परिषद सदस्यों का क्षेत्र बड़ा होने के कारण उक्त पद के प्रत्याशी का चुनावी खर्च आयोग ने 2.14 लाख तय किया है. जबकि वार्ड सदस्य का प्रत्याशी 14000 हजार ही खर्च कर सकता है. एक वार्ड में मतदाताओं की अधिकतम संख्या 500 से 700 होती है. जबकि एक पंचायत में न्यूनतम 08 एवं अधिकतम 18 वार्ड होते हैं. हालांकि 2011 के बाद जनगणना नहीं हुई है. इसलिए अब पंचायतों की आबादी तय मानक से ज्यादा हो गई है. जबकि पंचायतों की संख्या उतनी ही है.
मतगणना के 30 दिनों के भीतर देना होगा चुनावी खर्च का ब्यौरा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों का चुनावी खर्च नामांकन का पर्चा खरीदने के साथ ही शुरू हो जाता है. नामांकन दाखिल करने के बाद प्रत्येक दिन किए गए चुनाव खर्च का ब्यौरा व्यय पंजी में दर्ज करना होगा. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि मतगणना समाप्ति (चुनाव परिणाम) के एक माह के भीतर सभी प्रत्याशियों को अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा (निर्धारित प्रपत्र में) जिला निर्वाचन पदाधिकारी अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत पदाधिकारी के समक्ष जमा कराना होगा. जमा कराया गया ब्यौरा निर्धारित सीमा से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
प्रत्याशियों को आपराधिक मामलों का देना होगा विवरण
त्रिस्तरीय पंचाय चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को नामांकन दाखिल करने के समय अपने ऊपर दर्ज अथवा विचाराधीन आपराधिक मामलों का पूरा विवरण देना होगा. उक्त जानकारी एक शपथ पत्र के माध्यम से राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी प्रपत्र में देना होगा. न्यायालय में आरोप गठन से लेकर सजा का पूरा विवरण देना होगा. अगर किसी मामले में दो वर्ष या उससे अधिक सजा का प्रावधान है. वैसी स्थिति में थाने में दर्ज मामले, क्या क्या धाराएं लगाई गई है, किस तिथि को आरोप तय हुआ तथा किस न्यायालय में मामला लंबित है अथवा स्टे आदेश का जिक्र करना होगा.
अपील अथवा रिवीजन दाखिल करने का ब्यौरा भी देना होग
पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने की स्थिति में ऊपरी अदालत में अपील अथवा रिवीजन दाखिल किए जाने के संबंध में ब्यौरा देना होगा. इसके तहत किस न्यायालय ने दोषी ठहराया है, कितनी सजा दी गई है. साथ ही कितने दिनों तक कारावास में रहा है. इसके अलावे उक्त सजा के विरूद्ध अपील अथवा रिवीजन में जाने की स्थिति में अपीलीय न्यायाय का नाम, रिविजन संख्या, न्यायालय का नाम जहां मामला विचाराधीन है बताना होगा.
इसे भी पढ़ें: झारखंड में मास्क पहनना अनिवार्य करने की अपील, संजय सेठ ने लिखी सीएम को चिट्ठी