Bokaro: चास शहरी जलापूर्ति योजना के तहत 30 हजार घरों तक पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन अभी तक महज दस हजार घरों तक ही पेयजल आपूर्ति शुरू की जा सकी है. जबकि इस परियोजना पर 155.38 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है. और परियोजना को अप्रैल 2021 तक अंतिम रूप भी दिया जाना था. लेकिन अबतक सिर्फ 38 फीसदी ही काम पूरा किया जा सका है.
![पेयजल आपूर्ति के लिए बना फिल्टर हाऊस](https://i0.wp.com/lagatar.in/wp-content/uploads/2021/02/Untitled-8-3.jpg?resize=600%2C400&ssl=1)
इसे भी पढ़ें- धनबाद: जिप अध्यक्ष ने थाना प्रभारी पर लगाया कोयला के अवैध धंधे में शामिल होने का आरोप
कैसे किया जाना था पेयजल आपूर्ति ?
दामोदर नदी से पानी निकालकर भतूआ बस्ती में निर्मित डब्ल्यू टी पी में भेजना था. जो आजतक पूरा नहीं हुआ है. हाउस होल्ड सर्विस कनेक्शन के तहत 30 हजार कनेक्शन देना था. लेकिन 738 घरों को ही अबतक कनेक्शन दिया जा सका है.
इसे भी पढ़ें- बोकारो: बिजली के तार की चपेट में आई सिटी राइड बस, बाल-बाल बचे यात्री
किन मदों पर कितना करना है खर्च ?
जलापूर्ति योजना फेज दो का एग्रीमेंट 26 अप्रैल 2018 को हुआ था. और इस योजना का काम 26 अप्रैल 2021 को पूरा किया जाना था. कैपेक्स में 129.28 करोड़ एवं ओपेक्स में 126.10 करोड़ खर्च करना था. यह कार्य रांची की जुडको कम्पनी कर रही है, जो जुस्को को दे दिया है.
![पेयजल आपूर्ति के लिए बना फिल्टर हाऊस](https://i0.wp.com/lagatar.in/wp-content/uploads/2021/02/Untitled-9-3.jpg?resize=600%2C400&ssl=1)
इसे भी पढ़ें- दुमका: जर्जर भवन में रह रहे हैं छात्र, कभी भी हो सकता है हादसा, सुने सरकार
जानिए कितना कौन काम पूरा हुआ ?
विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक फुदनीडीह स्थित 20 हजार लीटर का जलमीनार 38 फीसदी, जलापूर्ति पाइपलाइन का काम 41.89 फीसदी, शहर के अंदर डिस्ट्रीब्यूशन पाइप 51.56 फीसदी, राइजिंग 70.74 फीसदी, रॉ-वाटर राइजिंग 75 फीसदी, 20 स्टाफ क्वार्टर 90 फीसदी ही पूरा हुआ है.
इसे भी पढ़ें- बोकारो: चोरी की सूमो कार कोटशिला से बरामद, दो गिरफ्तार
ये वार्ड पूरी तरह पेयजल से वंचित
चास नगर निगम में कुल 35 वार्ड हैं. सभी वार्डो को मिलाकर 692 चापाकल एवं 170 डीप बोरिंग लगाए गए हैं. जिसके सहारे जलापूर्ति की जाती है. लेकिन वार्ड संख्या 35, 30, 31, 01, 10, 05 में जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई हैं.
इसे भी पढ़ें- कटिहार : स्कॉर्पियों ने ट्रक में मारी टक्कर, समस्तीपुर के 6 लोगों की मौत
![पेयजल आपूर्ति के लिए बने फिल्टर हाऊस के उपकरण](https://i0.wp.com/lagatar.in/wp-content/uploads/2021/02/Untitled-10-4.jpg?resize=600%2C400&ssl=1)
लग सकता है 8 महीने का वक्त !
अमृत योजना के शहरी संरचना विशेषज्ञ अमन मलिक ने बताया कि, अभी भी इस परियोजना को पूरा होने में 6 महीने से अधिक का समय लग सकता है. हालांकि कार्य प्रगति पर है, लेकिन काम पूरा होने में अभी समय तो लगेगा ही.
इसे भी पढ़ें- दुमका: हादसे को दावत दे रहा जर्जर छात्रावास, दहशत के साये में बच्चे रहने को मजबूर