Bengaluru : मैं एक हिंदू हैं और अभी तक बीफ नहीं खाया है, लेकिन अगर चाहूंगा तो बीफ जरूर खाऊंगा. कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्षी नेता सिद्धारमैया ने बीफ पर प्रतिबंध विवाद को लेकर यह बयान दिया है. उनके बयान ने राज्य में हलचल मच गयी है. बता दें कि तुमकुरु जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने यह बात कही. आरएसएस पर धर्मों के बीच मतभेद पैदा करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा बीफ खाने वाले सिर्फ एक समुदाय के नहीं हो सकते हैं.
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क्या सिर्फ मुसलमान ही बीफ खाते हैं?
इस क्रम में सिद्धारमैया ने कहा, मैं हिंदू हूं. मैंने अभी तक बीफ नहीं खाया है, लेकिन अगर मैं चाहूंगा तो इसे जरूर खाऊंगा. भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, आप सवाल करने वाले कौन होते हैं? कहा कि हिंदू भी बीफ खाते हैं और इसाई समुदाय के लोग भी बीफ खाते हैं. जान लें कि कर्नाटक में हाल ही में हलाल मीट का मुद्दा सामने आया था. सिद्धारमैया ने आरएसएस पर हल्ला बोलते हुए कहा, वे इंसानों में फर्क पैदा करते हैं. खाना मेरी आदत और मेरा अधिकार है, मैं जो चाहूं खा सकता हूं. उन्होंने सवाल किया कि क्या सिर्फ मुसलमान ही बीफ खाते हैं?
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कानून जनवरी, 2021 में पास हुआ था
कर्नाटक की भाजपा सरकार ने जनवरी, 2021 में कर्नाटक वध रोकथाम और मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2020 को पारित किया. इस कानून के तहत सभी प्रकार के मवेशियों को खरीदना, बेचना, परिवहन करना, वध करना और व्यापार करना अवैध है करार दियागया है. इसमें गाय, बैल, भैंस और बैल शामिल हैं. खास बात है कि 13 साल की उम्र की भैंस और बीमार मवेशियों को इस कानून के तहत छूट है, लेकिन पशु चिकित्सक के सर्टिफिकेट के बाद ही उनका वध किया जा सकता है. कानून का उल्लंघन करते पाए जाने वालों को 50 हजार से 5 लाख रुपये का जुर्माना, सात साल की जेल का प्रावधान है.