Hazaribagh: पदाधिकारियों की लापरवाही का नतीजा दिवंगत शिक्षक की पहली पत्नी को भुगतना पड़ रहा है. पहले जो पेंशन उन्हें मिल रहा था, वह रूक गया है. इससे उन्हें परेशानी हो रही है. मामला हजारीबाग डीएसई ऑफिस से जुड़ा है. पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण दिवंगत शिक्षक नंदकिशोर प्रसाद की पहली पत्नी मुन्नी देवी को पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार जिले के चलकुशा प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय नारायणा के शिक्षक नंदकिशोर प्रसाद ने पहली पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी कर ली थी. डीसी के आदेश पर शिक्षक के वेतन का 25 प्रतिशत मुन्नी देवी को भुगतान किया जाता था. नॉमिनी में भी पहली पत्नी का ही नाम सेवा पुस्तिका में दर्ज है. तत्कालीन डीएसई एसडी तिग्गा और फिर इंदूभूषण सिंह ने भी इसे सही ठहराया था. इस बीच शिक्षक की मौत के बाद दूसरी पत्नी सुनीता देवी ने पेंशन पर क्लेम कर दिया.
बताया जाता है कि सरकार के वित्त विभाग के अनुसार शिक्षक की पहली पत्नी को ही पेंशन देय है. ऐसे मामले में हाइकोर्ट मुंबई और गुवाहाटी ने भी पहली पत्नी को ही पेंशन भुगतान का आदेश दिया है. जबकि हजारीबाग डीएसई ऑफिस में पेंशन की फाइल करीब पांच माह से धूल फांक रही है. फाइल को महालेखाकार के पास नहीं भेजा गया है. इससे पेंशन की स्वीकृति नहीं हो पायी है. इससे पेंशनधारी पहली पत्नी के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.
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सूत्रों की मानें तो शिक्षक की दूसरी पत्नी सुनीता देवी को पेंशन का भुगतान कराने के लिए डीएसई और झारखंड शिक्षा परियोजना के कुछ कर्मी लगे हैं. इसमें एक इंजीनियर भी शामिल हैं. उनकी कोशिश दूसरी पत्नी को पेंशन दिलाने की है. इस वजह से पेंशन की फाइल अटकी है. इस संबंध में डीएसई पुष्पा कुजूर ने कहा कि इस मामले को देखकर ही कुछ कहा जा सकता है.
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