NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2002 के गुजरात दंगों में पीएम मोदी को क्लीन चिट दिये जाने पर देश के गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. न्यूज एजेंसी ANI को दिये साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि PM मोदी पिछले 18 साल से विषपान करते रहे. शाह ने कहा कि मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है. क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही है तो सब कुछ सत्य होने के बावजूद भी हम कुछ नहीं बोलेंगे.. बहुत मजबूत मन के आदमी का ही यह स्टैंड हो सकता है.
#WATCH LIVE | HM Amit Shah breaks his silence on what happened during the 2002 Gujarat riots. An interview with ANI Editor Smita Prakash. https://t.co/qkX9eAYeG6
— ANI (@ANI) June 25, 2022
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दंगा होने का मूल कारण गुजरात में ट्रेन को जला देना था
अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा कानून का साथ दिया है. उन्होंने कहा कि दंगा होने का मूल कारण गुजरात में ट्रेन को जला देना था. उन्होंने कहा कि मैंने बच्ची को उसकी मां को गोद में जलते हुए देखा था. उन्होंने कहा कि दंगों के बाद मैं खुद हॉस्पिटल में था. चारों ओर लाशें थी. अमित शाह ने कहा कि दंगों का मूल कारण गोधरा ट्रेन का जला देना था. 16 दिन की बच्ची, 60 लोगों को जलते मैंने देखा है. मैंने अपने हाथों से अंतिम संस्कार किया है. इसके बाद जो दंगे हुए वो राजनीति से प्रेरित थे.
अपने इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि दंगों के वक्त शासन-प्रशासन में जो लोग थे, उन्होंने अच्छा काम किया. उन्होंने कहा कि घटना के बाद जो लोगों में रोष था, उसके बाद क्या होगा, इसकी भनक किसी को नहीं थी. जिस तरह से 60 लोगों को जिंदा जला दिया था उसका समाज में आक्रोश था. जब तक दंगे नहीं हुए तब तक बीजेपी को छोड़कर किसी ने इसकी(गोधरा कांड) निंदा भी नहीं की, उस वक्त संसद चल रही थी, किसी ने निंदा नहीं की, कांग्रेस पार्टी का कोई स्टेटमेंट नहीं था.
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मोदी और भाजपा के खिलाफ दो दशक से दुष्प्रचार चल रहा है
इस क्रम में शाह ने कहा कि मोदी और भाजपा के खिलाफ करीब दो दशक से दुष्प्रचार चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज किया है. आप कह सकते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने यह सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे. शाह का कहना था कि जिन लोगों ने मोदी जी पर आरोप लगाये थे अगर उनकी अंतरात्मा है तो उन्हें मोदी जी और भाजपा नेता से माफी मांगनी चाहिए.
शाह ने अपनी बात बढ़ाते हुए कहा कि 18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा और आज जब अंत में सत्य सोने की तरह चमकता हुआ आ रहा है, तो अब आनंद आ रहा है.
जाकिया जाफरी किसी और के निर्देश पर काम करती थी
शाह ने दंगा रोकने में नाकामी से जुड़ा सवाल पूछे जाने पर कहा कि भाजपा विरोधी राजनीतिक दल, कुछ विचारधारा के लिए राजनीति में आये पत्रकार और NGO ने मिलकर आरोपों का इतना प्रचार किया और इसका इकोसिस्टम इतना मजबूत था कि लोग इनको ही सत्य मानने लगे. शाह ने कहा, आज सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जाकिया जाफरी किसी और के निर्देश पर काम करती थी. NGO ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किये और उन्हें पता भी नहीं चला.
तीस्ता सीतलवाड़ का NGO इन सबके पीछे था
अमित शाह को कहना था कि सब जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ का NGO इन सबके पीछे था. आरोप लगाया कि उस समय की UPA की सरकार ने NGO की बहुत मदद की. गुजरात में हमारी सरकारी थी लेकिन यूपीए की सरकार ने NGO की मदद की. सब जानते हैं कि ऐसा मोदी जी की छवि खराब करने के लिए किया गया था.
गुजरात दंगों में सेना को नहीं बुलाये जाने के सवाल पर शाह का जवाब था कि हमने कोई लेटलतीफी नहीं की, जिस दिन गुजरात बंद बुलाया गया था, उसी दिन हमने सेना बुला ली थी. गुजरात सरकार ने एक दिन की भी देर नहीं की थी. कोर्ट ने भी इसे माना है. शाह ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली में सेना का मुख्यालय है, जब इतने सारे सिख भाइयों को मार दिया गया, 3 दिन तक कुछ नहीं हुआ. कितनी SIT बनी? हमारी सरकार आने के बाद SIT बनी, ये लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं?
तहलका स्टिंग को मोटिवेटेड बताया
शाह ने, ‘कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ट्रेन में आग लगने के बाद की घटनाएं पूर्व नियोजित नहीं बल्कि स्वप्रेरित थी. तहलका का स्टिंग ऑपरेशन को भी खारिज कर दिया क्योंकि इसके आगे-पीछे का जब फुटेज आया तब पता चला कि ये स्टिंग राजनीतिक उद्देश्य से किये गये थे.
राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना
शाह ने अपने इंटरव्यू में कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से हल्ला बोला कहा कि नैशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने राहुल से 50 घंटे से ज्यादा पूछताछ की है. कांग्रेसियों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किये. मोदी जी से भी पूछताछ हुई थी लेकिन तब किसी ने धरना-प्रदर्शन नहीं किया था. हमने कानून को सहयोग दिया और मेरी भी गिरफ़्तारी हुई थी.