Hazaribagh: जिले के आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा की गिरफ्तारी के मामले का खुलासा हो गया है.मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने बताया कि 2 मार्च को एक प्लान बनाया गया और तय हुआ कि राजेश मिश्रा के गाड़ी की डिक्की में मादक पदार्थ डाला जाएगा और फिर पुलिस को ख़बर कर दी जाएगी. इस पूरी साजिश में 5 लोग शामिल थे. प्लान के अनुसार बाहर से अफीम और ब्राउन शुगर मंगाया गया और उसे डिक्की में रख दिया गया.
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साजिश में शामिल 5 लोग गिरफ्तार
इस साजिश में आनंद कुमार,डीड राइटर मोहम्मद एजाज, सरफराज आलम, बंटी और आदित्य सोनी की अहम भूमिका रही है. इस मामले में प्रयुक्त 6 मोबाइल को पुलिस ने जब्त कर लिया है. एसपी कार्तिक एस ने बताया कि, अब राजेश मिश्रा को जेल से बाहर निकालने की कागजी कार्रवाई की जा रही है. और जल्द ही वे जेल से बाहर होंगे. उन्होंने कहा पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया है. और इसमें उनकी कोई संलिप्तता नहीं पाई गई है. लगातार.इन ने इस मामले पर लगातार खबर चलाई थी. यह पहले बता दिया था कि मामले में जमीन माफियाओं का हाथ है. एसपी के खुलासे के बाद लगातार.इन की ख़बर पर एक बार फिर से मुहर लगी है.
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मामले में अभी और लोग नपेंगे
रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मी की गिरफ्तारी के बाद अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मामले में ऑफिस के बड़े अधिकारी की भी भूमिका हो सकती है. क्योंकि जिन मामलों को लेकर राजेश मिश्रा लगातार कागजातों को खंगाल रहे थे. उसे रजिस्ट्री ऑफिस के बड़े अधिकारी भी सकते में थे. हो सकता है कि इन गिरफ्तार लोगों को ऐसे ही किसी बड़े अधिकारी से निर्देश मिला हो. हालांकि मामले का पटाक्षेप हो गया है, लेकिन अभी भी इस मामले के इस पक्ष पर तहकीकात जरूरी है .वैसे पुलिस अधीक्षक ने आश्वस्त किया हैं कि जांच पूरी नहीं हुई है. बाकी मामले की भी जांच की जा रही है. और यदि बड़े अधिकारियों की भी भागीदारी इसमें हुई तो उन पर भी कार्रवाई होगी.
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आरटीआई कार्यकर्ता के गिरफ्तारी का घटनाक्रम
आपको बता दे कि आरटीआई कार्यकर्ता राजेश मिश्रा को फंसाने के उद्देश्य से उनकी डिक्की में मादक पदार्थ डाला गया था. और उसके बाद पुलिस को सूचना दी गई थी. इसी गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा को हजारीबाग के आरोग्य अस्पताल के सामने से गिरफ्तार कर लिया था .अपने अप्रत्याशित गिरफ्तारी से घबराए राकेश मिश्रा ने तब शोर मचाना शुरू कर दिया था. जिसके कारण सादी वर्दी में उनको गिरफ्तार करने आए पुलिसकर्मियों ने उन्हें पुलिस बीट में बैठा दिया था. बाद में थाना प्रभारी के आने के बाद उन्हें वहां से थाने ले जाया गया था. फिर आनन-फानन में एफआईआर कर उन्हें जेल भेज दिया गया था.
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हर स्तर पर गिरफ्तारी का हुआ था विरोध
घटना के बाद हर स्तर पर इसका विरोध शुरू हो गया था तब लगातार डॉट इन से बात करते हुए पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने भरोसा दिलाया था कि इस पूरे मामले की पुनः बिंदुवार तरीके से जांच होगी और यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि कहीं सोशल एक्टिविस्ट को फसाया तो नहीं गया है और 24 घंटे की पड़ताल के बाद इस मामले का उद्भेदन हुआ है.
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