Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) धनबाद जिले में कुष्ठ मरीजों की पहचान के लिए 2022-23 में राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन के तहत 1 से 14 जुलाई तक अभियान चलाया गया. जिले में 1018 संदेहात्मक व्यक्ति मिले, जिनमें 798 की जांच की गई. जांच में 36 नए मरीजों की पहचान की गई. संदेहात्मक 220 लोगों की जांच बाकी है. जांच के बाद आंकड़ा और बढ़ सकता है. जिले में सबसे अधिक टुंडी प्रखंड में 8 मरीज पाये गये. सबसे कम बलियापुर और जोडापोखर में एक-एक नए मरीज मिले. इस अभियान में तोपचांची में 6, बाघमारा में 6, निरसा में 6, गोविंदपुर में चार, जोड़ापोखर में एक, धनबाद सदर में चार नए मरीज मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इनमें 146 का इलाज चल रहा है.
कुष्ठ के लक्षण
व्यक्ति के शरीर में खुजली होती है. लाल या तांबे जैसे रंग का दाग, दाग में सूनापन, हाथ-पैर में झनझनाहट, इसके अलावा जीवाणुओं के संक्रमण से खून दूषित होता है. धूप के संपर्क से त्वचा में तेज जलन होती है. घावों में हमेशा मवाद का बहना व घाव का ठीक ना हो पाना, घावों से खून का निकलते रहना आदि ऐसे लक्षण हैं, जिससे मरीज की पहचान होती है. कुछ मरीजों के अंग धीरे-धीरे गलने लगते हैं और वे अपाहिज हो जाते हैं.
मायकोबैक्टीरियम लैप्री बैक्टीरिया से फैलती है बीमारी
जय प्रकाश मंडल ने बताया कि कुष्ठ बीमारी मायकोबैक्टीरियम लैप्री नामक बैक्टीरिया से होती है. यह बीमारी कुष्ठ मरीजों के श्वसन के संपर्क में आने से फैल सकती है. हालांकि मरीजों के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहने से भी बीमारी हो सकती है.
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