Abhay Verma
Giridih : लापता डॉक्टर, और डॉक्टर के कक्ष में गंदगी का अंबार. यही हालत है गिरिडीह के अटल क्लीनिक की. झिंझरी मोहल्ला स्थित अटल क्लीनिक स्वास्थ्य महकमा के सारे दावों की कलई खोल रहा है. कहने को क्लीनिक तो है. लेकिन क्लीनिक में ना डॉक्टर हैं और ना ही इलाज़.
अटल क्लीनिक खुलने का समय सुबह 8 से 10 बजे और शाम को 6 से 8 बज़े तक निर्धारित है. अटल बिहारी वाजपेयी की चौथी पुण्यतिथि पर 16 अगस्त की सुबह 9 बजे लगातार की टीम क्लीनिक पहुंची तो वहां ताला लटका था. डॉक्टर नदारद थे. और डॉक्टर के कक्ष में दवाईयों की पेटी और गंदगी का जमावड़ा लगा था. कमरे की हालत देखकर ऐसा लगा जैसे हफ़्तों से यहां डॉक्टर नहीं पहुंचे. आसपास के लोगों ने भी कहा कि यह क्लीनिक कब खुलती है और कब बंद होती है. यह विभाग ही जानता होगा. साफ़ ज़ाहिर है कि सरकार के दावों, विज्ञापनों और विभाग के फ़ाइलों में ही अटल क्लीनिक काम कर रही है.
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इन बीमारियों का होना था इलाज
अटल क्लीनिक में है ओपीडी के अलावा टीकाकरण सेवाएं, प्रसव पूर्व जांच और प्रश्नोत्तर देखभाल, परिवार नियोजन की सेवाएं सहित अन्य सुविधाएं की व्यवस्था की गई थी. टीवी, मलेरिया की पहचान के लिए बलगम और रक्त नमूना संग्रह के साथ तेजी से फैलने वाली सामान्य बीमारियों के उपचार की भी सुविधा यहां होनी थी .व्यवस्था के तहत अटल क्लीनिक में एक डॉक्टर के अलावा एएनएम, जीएनएम और नर्स तैनात की जानी थी. पर यहां सभी कागजी साबित हो रही है
हम खुद देखेंगे व्यवस्था – सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. एसपी मिश्रा ने कहा कि शहरी क्षेत्र में तीन स्थान हुट्टी बाजार, जिंजरी मोहल्ला और पचंबा दुर्गा मंडप के पास अटल क्लीनिक संचालित की जा रही है. हुट्टी बाजार केंद्र में कोई चिकित्सक पदस्थापित नहीं है. वही झिंझरी मोहल्ला में डॉक्टर चांदमूनी कुमारी और पचंबा में डॉक्टर पी सहाय सेवा दे रहे हैं. पर जब उन्हें झिंझरी मोहल्ला केंद्र के चिकित्सक कक्ष की तस्वीर दिखाई गई तो कहा कि अब से केंद्र की देखरेख वो खुद करेंगे.
दिल्ली सरकार की तर्ज पर झारखंड में भी 16 अगस्त 2019 को अटल क्लीनिक की शुरुआत की गई थी. नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त पहल के बाद यह सेवा शुरू की गई. गिरिडीह में 3 साल बाद ही अटल किलनिक की व्यवस्था दम तोड़ रही है. अटल क्लीनिक में रोगियों को इलाज़ के साथ-साथ जांच और दवाएं भी मुफ्त मिलने का प्रावधान बनाया गया. कहा गया कि अटल किलनिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की तरह काम करेगा. यहां गरीबों को दवा, जांच और इलाज मुफ्त मिलने की व्यवस्था की गई थी. वहीं गंभीर मरीजों को यहां से सदर अस्पताल रेफ़र किया जाता. पर ऐसी व्यवस्था बना दी गई कि गिरिडीह में मामूली रूप से भी गंभीर मरीज़ को तत्काल सदर अस्पताल से भी रेफर कर दिया जाता है. विदित हो कि स्लम क्षेत्र में 15 हज़ार की आबादी पर एक किलनिक खोली जानी थी.
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