Chaibasa : चाईबासा सिविल कोर्ट के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की अदालत ने मझगांव निवासी वाजदा खातून उम्रकैद की सजा सुनाई है. वाजदा को कोर्ट ने पांच साल के बच्चे की गला दबाकर हत्या करने के जुर्म में सजा सुनायी है. इसके साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने 15 गवाहों को सुनने के बाद भारतीय दंड संहिता(IPC) की धारा 302 के तहत वाजदा खातून को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर की है. बता दें कि यह मामला 2021 का है. मृत बच्चे के पिता मुजफ्फर हयात ने मझगांव थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. हयात द्वारा दर्ज करवाई गई FIR में कहा गया था कि 29 सितंबर 2021 की शाम को जब वह घर आया तो पत्नी मजहबी ने बताया कि उनका पांच साल का बेटा रेहान अभी तक घर नहीं आया है. हयात ने पूरे गांव में बेटे की तलाश की लेकिन वह नहीं मिला. पढ़ें – BREAKING NEWS : टाटा स्टील में 20 प्रतिशत हुआ बोनस, 20 हजार रुपया कैश गिफ्ट
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बच्चे का शव बक्से से बरामद हुआ था
उसी दौरान उसे पता चला कि गांव के तालाब में एक बक्सा तैरते हुए देखा गया है. इसके बाद पुलिस ने तालाब से बक्से को निकाला तो उसमें रेहान का शव मिला. पुलिस ने बताया कि दोषी महिला वाजदा खातून बच्चे के पिता हयात के पास कपड़े सिलवाने के बहाने जाती थी और यह बच्चे की मां मजहबी को पसंद नहीं था. इसी को लेकर बच्चे की मां और वाजदा खातून के बीच हमेशा विवाद होता रहता था. इसी प्रतिशोध में वसिदा ने रेहान की गला दबाकर हत्या कर दी और उसका शव बक्से में बंद करके तालाब में डाल दिया था.
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