LagatarDesk : आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी विप्रो ने अपने 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. मूनलाइटिंग यानी क साथ दो जगह नौकरी करने की वजह से कंपनी ने यह कदम उठाया है. विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने अखिल भारतीय प्रबंधन संघ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में इस बात की जानकारी दी. रिशद प्रेमजी ने कहा कि कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में 300 लोगों की पहचान की है, जो एक ही समय में दूसरी कंपनी में भी सेवा दे रहे थे. ऐसे लोगों के लिए कंपनी में कोई जगह नहीं है. इसलिए सभी को नौकरी से हटा दिया है.
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रिशद प्रेमजी हमेशा से मूनलाइटिंग के रहे हैं खिलाफ
बता दें कि विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी मूनलाइटिंग के मुखर आलोचक रहे हैं. विप्रो ही नहीं बल्कि टीसीएस और इंफोसिस जैसी कंपनियां भी मूनलाइटिंग का विरोध करती है. कुछ दिनों पहले रिशद प्रेमजी ने कर्मचारियों की मूनलाइटिंग को कंपनी के साथ धोखा बताया था. रिशद प्रेमजी ने बीते दिनों ट्विटर कर कहा था कि मूनलाइटनिंग यानी वर्क फ्रॉम होम के दौरान कंपनी के काम के अलावा दूसरा काम करना सीधा धोखा है. खासकर आईटी सेक्टर में. बाद में अन्य आईटी फर्मों ने भी ऋषद प्रेमजी के विचारों का समर्थन करते हुए इस मुद्दे पर टिप्पणी की थी.
There is a lot of chatter about people moonlighting in the tech industry. This is cheating – plain and simple.
— Rishad Premji (@RishadPremji) August 20, 2022
क्या है मूनलाइटिंग
जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के अलावा पैसे कमाने के लिए कोई दूसरा काम भी करता है, तो उसे तकनीकी तौर पर मूनलाइटिंग कहा जाता है. यह चलन कोरोना काल के दौरान काफी बढ़ा. जानकारों के मुताबिक आईटी कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम की वजह से कर्मचारियों को मूनलाइटिंग का मौका मिला है.
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