Koderma : जिले के कर्मा मेडिकल कॉलेज का विधानसभा याचिका समिति ने औचक निरीक्षण किया. इस दौरान विधानसभा याचिका समिति में प्रभारी सभापति सह कोडरमा विधायक डॉ नीरा यादव, समिति के सदस्य गोड्डा विधायक अमित कुमार मंडल, विधानसभा समिति के अधिकारीगण, कोडरमा अनुमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार, झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम विभाग के कनीय विद्युत अभियंता,निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर आदि मौजूद रहे.
निरीक्षण के दौरान समिति के लोगों ने निर्माण कार्य में लगे छड़ को लेकर कुछ शिकायतें की. जिन पर सिंपलेक्स कंपनी और झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के द्वारा प्रतिवेदन सौंपा गया. इस पूरे मामले पर कार्यपालक अभियंता अमित कुमार ने बताया कि गलत तत्वों के द्वारा और जो सिंपलेक्स कंपनी के द्वारा लाभान्वित होते आ रहे हैं.वैसे व्यक्ति ही आरोप लगाये हैं. आरोप लगाने वाला खुद ही सिंपलेक्स कंपनी का बिल्डिंग मटेरियल का सप्लायर भी है. पढ़ें – PFI के ठिकानों पर छापों को लेकर अमित शाह ने एनएसए, गृह सचिव, डीजी एनआईए के साथ हाई लेवल मीटिंग की
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रिश्तेदारों को ठेकेदारी देने का लगा आरोप
वही कार्यपालक अभियंता अमित ने बताया कि मुझ पर आरोप जो लगे है कि मैंने अपने रिश्तेदारों को यहां पर निर्माण कार्य में ठेकेदारी दी है. इसपर उन्होंने कहा कि मैंने किसी निजी रिश्तेदार को या अपने गांव के रिश्तेदार को रखा है ना ही कोई मेरे गृह जिला का व्यक्ति यहां है और ना ही स्वजाति व्यक्ति यहां काम कर रहा है. यह आरोप बेबुनियाद है और हमारे प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है. यह काम उन लोगों के द्वारा किया गया है जिनका मंसूबा पूरा नहीं होने दिया गया और उनकी बौखलाहट साफ दिख रही है. एक तरफ वह लोग सिंपलेक्स के सप्लायर भी हैं और दूसरी तरफ स्वार्थ उन्हें भरा है जिसके कारण वह मुझ पर आरोप लगा रहे हैं. बौखलाहट का कारण यह भी है कि हमारे द्वारा उन लोगो को टर्मिनेशन की प्रक्रिया जब शुरू की गई.
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कुछ अपराधिक और असामाजिक तत्वों ने अतिक्रमण कर लिया है
उन्होंने ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के परिसर में कुछ अपराधिक और असामाजिक तत्वों के द्वारा अतिक्रमण भी किया जा रहा है और कुछ तत्वों के द्वारा दुकान भी खुली जा रही है. कोई मकान का निर्माण कर रहा है. वही कोई अपना ऑफिस का निर्माण कर कर लिया है. इस संबंध में हमारे द्वारा जिला प्रशासन को समय-समय पर सूचना दी गई है. इस संबंध में अभी तक कोई कर्रवाई जिला प्रशासन के द्वारा नहीं की गई है. जिस कारण मैंने अब शिकायत करनी बंद कर दी और मैंने अपना काम से काम मतलब रखता हूं. सरकार की जमीन 68.9 एकड़ जमीन है इसी तरह अतिक्रमण होता रहा तो सरकार के पास मात्र 30 एकड़ जमीन की बचेगा और चारदीवारी नहीं निर्माण होने के कारण असामाजिक तत्व अंदर घुस जाते हैं और व्यवधान पैदा करते हैं.
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