Ranchi : झामुमो ने भाजपा सांसद निशिकांत दूबे और आरएसएस पर बड़ा हमला किया है. झामुमो ने ट्विटर चलाने वाली कंपनी से निशिकांत जैसे व्यक्ति को बैन करने की मांग की है. पार्टी के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि निशिकांत दूबे हमेशा झूठे तथ्य को साझा कर रहे हैं, जिससे अब उनकी और ट्विटर कंपनी की साख पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है. उन्होंने कहा कि 12 -13 सालों से झारखंड के एक राजनीतिक लाचार व्यक्तित्व के हर दिन नयी नौटंकी देखने को मिलता रहता है. आज 12.44 बजे निशिकांत दूबे का पीएफआई से संबंधित एक ट्विट आया है. जिसमें उन्होंने पीएफआई सदस्यों का आदिवासी लड़कियों से शादी कर संथाल में 10 हजार एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदने की बातें कही गयी है. मजे की बात यह है कि यह खबर 25 जुलाई 2018 को एक दैनिक अखबार में खबर छपी थी. इसको लेकर वे ट्विट करते हैं कि हेमंत सोरेन की सरकार में ऐसा हुआ.
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राजनीतिक लज्जा है तो अपनी सफाई में फिर से टि्वट करें
अजीब बात है कि वह रघुवर सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार को हेमंत सोरेन सरकार से जोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें तो लगता है कि टि्वटर को भी फैक्ट चेक कर लेना चाहिए. अगर उसका दुरूपयोग होता है, भ्रामक तथ्य डाले जाते हैं, तो इसकी जिम्मेवारी ट्विटर को लेनी चाहिए. इसी तरह की खबर 4 साल पहले डाली गयी था. आज फिर इसे जारी किया गया. वे अपनी जिम्मेवारी से नहीं भाग सकते हैं. ऐसे व्यक्ति को टि्वटर को हटा देना चाहिए. निशिकांत दूबे से यह कहना चाहता हूं कि राजनीतिक लज्जा है तो अपनी सफाई में फिर से टि्वट करें कि किसके राज में पीएफआई फला-फुला है.
रघुवर सरकर में पीएफआई पला-बढ़ा
झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टचार्य ने प्रेस वार्ता में कहा कि पीएफआई पर लंबे समय से बैन है. आजकल कोई घटना होती है तो उसमें पीएफआई को संगल्न कर दिया जाता है. यह संगठन रघुवर सरकार में पला-बढ़ा. कहीं कुछ भी हो उसका दोष हेमंत सरकार पर मढ़ दिया जाता है. उन्होंने उत्तराखंड के पौड़ी घटना पर भी सवाल खड़ा किया. कहा कि क्या अंकिता के साथ जो हुआ उसमें भी पीएफआई है, जहां भाजपा नेता का बेटा शामिल है. पौड़ी की घटना को किसके साथ जोड़ेंगे. यह सवाल हम पूछ रहे हैं.
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सरकार के अच्छे कामों के बीच भ्रम पैदा करना चाह रही है भाजपा
उन्होंने कहा कि निशिकांत ने इस मसले को जांच एजेंसियों को टैग किया है. अजीब बात है. यह टि्वट आज का है. अब यह बताया जाए कि जब ईडी कहता है खान-खनिज की लूट रघुवर सरकार के जमाने से चल रही है. मजे की बात यह है कि इसमें एक पंडित विधायक (सरयू राय) हैं. तब वे रघुवर सरकार के माननीय मंत्री थे. सत्ता के मलाई खा रहे थे. उन्होंने कहा कि हमलोगों को लगता है कि भाजपा और उसके नेतागण पूरी तरह से बौखला गए हैं. हमारी सरकार द्वारा एक से बढ़कर एक फैसले लिए जा रहे हैं. पूजा बाद जब सरकार जनता के द्वार तक पहुंचने का काम शुरू करने जा रही है तब ऐसे में भ्रम की स्थिति पैदा किया जा रहा है.
2019 तक खान-खनिज में कितने एफआईआर हुए
भट्टाचार्य ने कहा कि पत्थर और बालू में एक हजार करोड़ का घोटाला हुआ है. वह भी एक जिला का है तो 24 जिलों में 24 हजार करोड़ का घोटाला केवल बालू और पत्थर में हुआ है. तो इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि भाजपा सरकार में क्या हुआ होगा. 2019 तक माइनिंग के संबंध में कितने एफआईआर दर्ज हुए. और इसके बाद कितने दर्ज हुए. कितने राजस्व की बढ़ोतरी हुई. इसका भी खुलासा होना चाहिए.
अब सरस्वती शिशु मंदिर में भी हो कुरान और बाइबल की पढ़ाई
भट्टाचार्य ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अतिवादी संगठन मानवता के खिलाफ होता है. ऐसे संगठनों का बहिष्कार करना चाहिए. मगर दुर्भाग्य से अतिवादी संगठनों को धर्म से जोड़ देते हैं. ऐसे संगठनों से निबटने के लिए संविधान काफी है. ये गिरगिट के तरह होते हैं. नाम बदल कर चलाते रहेंगे. अतिवादी सोच को फैलाने में लगे लोगों को चिन्हित करके बहिष्कार किया जाना चाहिए. जो लोग मॉब लिचिंग करते हैं. सिर को तन से जुदा करने की बात करते हैं, ये सभी अतिवादी संगठन हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस द्वारा संचालित विद्यालयों में कुरान और बाइबल पढ़ाया जाना चाहिए. क्योंकि अब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी इसकी तारीफ कर चुके हैं. सभी धर्म ग्रंथों की पढ़ाई शुरू करनी चाहिए. धर्म ग्रंथ की पढ़ाई से लोग इंसान बन जाएं. सरस्वती शिशु मंदिर में कुरान और बाइबल की पढ़ाई शुरू करें. भागवत को इसकी पहल करनी चाहिए.
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