Chaibasa (Ramendra Kumar Sinha) : सदर प्रखंड के 3 पंचायत बरकेला, पडावीर और बड़ा लगिया के 32 स्कूल पेंडुलम की तरह झूलते रहते है. इन 32 स्कूलों का आधा कार्य खूंटपानी प्रखंड में तथा आधा कार्य सदर प्रखंड में होता है. इससे शिक्षक भी काफी परेशान होते हैं. इन तीनों पंचायतों से खूंटपानी प्रखंड की दूरी 30 किलोमीटर है. अगर शिक्षकों के किसी कागजी कार्रवाई की बात हो तो उन्हें 30 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय में जाकर अपना काम कराना पड़ता है जबकि सदर प्रखंड की दूरी महज 15 किलोमीटर है. इन 32 स्कूलों के सरकारी शिक्षकों का वेतन भुगतान खूंटपानी प्रखंड से तो इन विद्यालयों में कार्यरत पारा शिक्षकों का मानदेय सदर प्रखंड से दिया जाता है.
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कागजात बनते हैं सदर प्रखंड में व हस्ताक्षर खूंटपानी प्रखंड में
इसी तरह इन विद्यालयों के मध्याह्न भोजन, विद्यालय विकास अनुदान खूंटपानी से संचालित किया जाता है तो एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम सदर प्रखंड से. बुनियादी शिक्षा ज्ञान सेतु की पुस्तकें सदर प्रखंड से स्कूलों को प्राप्त होती है तो विद्यालय के यूं डायस का सारा कार्य खूंटपानी प्रखंड से संचालित होती है.खेलो झारखंड खेलकूद प्रतियोगिता में सभी बच्चे सदर प्रखंड जाएंगे पर सावित्रीबाई फुले समृद्धि योजना का लाभ लेने के लिए इन पंचायतों की छात्राओं के कागजात सदर प्रखंड से बनवाए जा रहे हैं जबकि उस पर हस्ताक्षर खूंटपानी प्रखंड के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के द्वारा की जा रही है. जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन प्रपत्र में प्रखंड सदर और अंचल खूंटपानी दर्ज किया जा रहा है. इस तरह देखे तो इन तीनों पंचायत की स्कूल के शिक्षक के साथ-साथ बच्चे भी खूंटपानी और सदर प्रखंड के चक्की में पीसते रहते हैं.
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क्यों हुई समस्या
ये तीनों पंचायत खूंटपानी प्रखंड से 30 से 40 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. इस दूरी के कारण तीनों पंचायत के ग्रामीणों को अपने किसी भी कार्य को कराने के लिए 30 से 40 किलोमीटर दूर खूंटपानी प्रखंड मुख्यालय जाकर कार्य करवाना पड़ता था. तीनों पंचायत के ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक दीपक बिरूवा से मिलकर इस समस्या के निदान के पहल करने की मांग की दो तीन बैठकों के बाद इन तीनों पंचायतों को सदर प्रखंड में कर दिया गया लेकिन स्कूलों की तकनीकी समस्या बनी रही और इस तकनीकी समस्या के कारण इन तीनों स्कूलों के शिक्षकों के साथ साथ बच्चे बीच में परेशान होते रहते हैं.
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मानसिक और शारीरिक रूप से होते हैं परेशान
इन पंचायतों के शिक्षकों ने बताया की जो समस्याएं होती है वह हम ही लोग समझते हैं एक तरफ बच्चों को पढ़ाना-लिखाना, बच्चों को खाना देना और फिर उन्हें लेकर या तो खूंटपानी या फिर सदर प्रखंड जाना इससे बच्चे भी परेशान होते हैं साथ ही हम भी परेशान होते हैं. उन्होंने बताया कि 2 दिन बाद प्रखंड स्तरीय खेलो झारखंड खेल प्रतियोगिता शुरू होने वाली है जिसमें हमारे बच्चे सदर प्रखंड में खेलने जाएंगे. दोनों प्रखंडों से काम होने के कारण मानसिक और शारीरिक दोनों तरफ से बच्चों के साथ-साथ शिक्षक भी परेशान होते हैं.