Ranchi : गुड्स और सर्विस एक्ट (जीएसटी) आने और जुलाई 2022 से केंद्र द्वारा क्षतिपूर्ति भुगतान की व्यवस्था खत्म करने से झारखंड को हर वर्ष 4500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. यह कहना है सूबे के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव का. डॉ उरांव शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय बजट के निर्माण के पहले राज्यों के विचार एवं सुझाव आमंत्रित करने के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. जीएसटी से हुई नुकसान को देख डॉ. उरांव ने मांग की है कि जीएसटी भुगतान अवधि को अतिरिक्त पांच वर्षों तक बढ़ाया जाए. यह सम्मेलन कोऑपरेटिव फेडरलिज्म (सहकारी संघवाद) की भावना के अनुरूप हर वर्ष किया जाता है. बैठक में वित्त मंत्री ने झारखंड को लेकर केंद्रीय बजट में जोड़े जाने का सुझाव दिया.
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केंद्रीय बजट में जोड़े जाने का दिया सुझाव
- कोल कंपनियों पर बकाया 1,36,042 करोड़ रुपए का भुगतान हो.
- राज्य में कोयला खनन का काम कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयों यथा – सीसीएल, बीसीसीएल, ईसीएल द्वारा की जाती है. इन कंपनियों पर राज्य सरकार का 1,36,042 करोड़ रुपए बकाया है, जिसका भुगतान यथाशीघ्र कराया जाय.
- बंद कोल खदानों का माइंस क्लोजर हो और उसका वैकल्पिक उपयोग हो
- उसका वैकल्पिक उपयोग के रूप में यथा – पार्क, वाटर स्पोर्ट एडवेंचर टूरिज्म विकसित किया जाए. इससे पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा ही, इन क्षेत्रों में रोजगार के नये साधन भी विकसित होंगे. ऐसा नहीं करने से लोगों के स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ रहा है. वातावरण प्रदूषित हो रहा है.
- साहिबगंज एयरपोर्ट का निर्माण कर उसे एयर कनेक्टिवटी से जोड़ा जाए.
- केंद्र द्वारा साहिबगंज को मल्टी मॉडल टर्मिनल के रूप में विकसित किया जा रहा है. इससे साहिबगंज आने वाले समय में एक इकोनॉमी हब के रूप में विकसित होगा. वहां एयरपोर्ट का निर्माण कराकर उसे एयर कनेक्टिवटी से जोड़ने की कार्रवाई की जाय.
- ओवर ब्रिज निर्माण लागत में राज्य सरकार का हिस्सा हो खत्म
- रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण में राज्य एवं केंद्र का योगदान अनुपात वर्तमान में 50:50 है. जमीन अधिग्रहण का काम राज्य सरकार द्वारा किया जाता है. इससे वास्तविक अनुपात प्रायः 80:20 का हो जाता है. जरूरी है कि ओवर ब्रिज निर्माण लागत में राज्य सरकार का हिस्सा खत्म किया जाए.
केंद्रीय पेंशन की योजना में केंद्रीय हिस्सा की राशि को बढ़ाया जाए
सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन से जुड़ी योजनाओं यथा – इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी दिव्यांग पेंशन योजना, इंदिरा गांधी विधवा पेंशन योजना में क्रमशः 200 रुपये, 300 रुपये तथा 300 रुपये की दर से राशि दी जाती है. मुद्रास्फीति को देखते हुए इस विचार करने की आवश्यकता है.
सूखा को देख केंद्रीय सहायता मिले
मानसून की स्थिति को देख राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखण्डों को सूखा क्षेत्र घोषित किया गया है. तत्काल राहत के तहत प्रत्येक परिवार को 3500 रुपये सहायता राशि दी जा रही है. जरूरी है कि इसमें केंद्रीय सहायता भी मिले.
बैंकों द्वारा उच्च शिक्षा के लिए लोन की राशि बढ़ाया जाए.
वर्तमान में बैंकों द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए 7.5 लाख रुपये तक का ही लोन दिया जाता है, जो काफी कम है. इस सीमा को बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने की जरूरत है. झारखंड सरकार ने गुरूजी क्रेडिट कार्य योजना लेकर आयी है, जिसमें लोन की सीमा 15 लाख रुपये तक है.
हर घर स्वच्छ पेयजल की योजना की अवधि बढ़े
- राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए 2024 तक हर घर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की समय अवधि काफी कम है. अवधि को बढ़ाया जाए. हर खेत को पानी पहुंचाने के लिए “हर खेत को पानी” योजना की शुरूआत होनी चाहे.
- राज्य सरकार को यह अधिकार हो कि वह अपने सरकारी उपक्रम से आधारभूत संरचना का निर्माण करे.
- राज्य स्वयं अथवा अपने सरकारी उपक्रम जैसे- झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवपलमेंट ऑथरिटी टेंडर (जेएसआरआरडीए) के माध्यम से आधारभूत संरचना का निर्माण करें. इसे पूंजीगत व्यय माना जाए. इससे राज्यों के लोन लेने की क्षमता बढ़ेगी.
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