– झारखंड में एचआईवी के कुल 14093 नए मामले
– इस साल 104 गर्भवती महिलाएं भी मिलीं संक्रमित
– 652 बालक और 452 बालिकाएं भी संक्रमित
– पिछले साल के मुकाबले 255 मरीज कम मिले
Ranchi: राज्य में पिछले एक साल में 1042 नए एचआईवी संक्रमित मरीज मिले हैं. झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में 14053 एक्टिव एचआईवी संक्रमित मरीज हैं. जिसमें महिलाओं की संख्या 6639, पुरूषों संक्रमितों की संख्या 6281 और ट्रांसजेंडर की संख्या 29 है. इसके अलावा 652 बालक और 452 बालिकाओं को भी जांच में संक्रमित पाया गया. इसके अलावा 104 गर्भवती महिलाओं को भी संक्रमित पाया गया है. संक्रमित पाए जाने वाले लोगों में अधिकतर लंबी दूरी के ड्राइवर, मजदूर और पलायन कर अकेले बाहर रहने वाले लोग हैं. इसके अधिकतर ग्रामीण इलाकों के लोग हैं. बता दें कि विभाग वैसे लोगों को ही एक्टिव संक्रमित मानती है जो एआरटी सेंटर में पहुंचकर इलाज कराते हैं या फिर दवा लेते हैं. बता दें कि अब तक राज्य में कुल 28014 एचआईवी के मरीज मिल चुके हैं.
रिम्स एआरटी प्लस केंद्र, सेकेंड लाइन ड्रग की सुविधा
रिम्स के डॉ संजय ने बताया कि राज्य में सिर्फ रिम्स ही एआरटी प्लस केंद्र है. उन्होंने बताया कि एआरटी केंद्रों में फर्स्ट लाइन ड्रग दी जाती है. इसके प्रभावी नहीं होने पर सेकेंड लाइन ड्रग दी जाती है. रिम्स में एआरटी पल्स केंद्र बन जाने से सेकेंड लाइन ड्रग लेने वाले मरीजों को राज्य के बाहर इलाज कराने नहीं जाना होता है. इससे पहले बाहर जाना होता था. बता दें कि राज्य भर के संक्रमित मरीज बड़ी संख्या में रिम्स इलाज के लिए पहुंचते हैं.
एआरटी केंद्रों में डॉक्टरों की भारी कमी
राज्य भर के एआरटी केंद्रों में बड़ी संख्या में डॉक्टरों की कमी है. कुल एआरटी केंद्रों के मुकाबले डॉक्टरों की संख्या आधी है. रिम्स, हजारीबाग, दुमका, गिरिडीह, जमशेदपुर के एआरटी केंद्रों में डॉक्टर मौजूद हैं. उन्हीं के जिम्मे दूसरे केंद्र भी हैं. वहीं अन्य में पारा मेडिकल कर्मियों और नर्सों के द्वारा दवा दी जाती है. हालांकि सभी एआरटी केंद्रों में पर्याप्त संख्या में दवा उपलब्ध रहता है.
राज्य में एचआईवी संक्रमितों के लिए योजना
-अंत्योदय अन्न योजना
-डबल राशन आईसीडीसीएस
-विधवा पेंशन
-आयुष्मान
-जनधन योजना
-इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटेक्शन
-राज्य सुरक्षा पेंशन योजना
-जननी सुरक्षा योजना