Saurav Singh
Ranchi : झारखंड पुलिस की लिस्ट में एक करोड़ के इनामी समेत कई बड़े इनामी नक्सलियों के नाम गायब हो गए हैं. झारखंड पुलिस की वेबसाइट पर इनामी नक्सलियों की सूची जारी की गई है. जिनमें एक करोड़ के सिर्फ एक इनामी नक्सली प्रयाग मांझी समेत सिर्फ 38 नक्सलियों के नाम शामिल हैं. इससे पहले झारखंड पुलिस की वेबसाइट पर 125 इनामी नक्सलियों की सूची अपलोड थी. फिलहाल इस सूची में महज 38 नक्सलियों के नाम रह गए हैं.
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एक करोड़ इनामी मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी समेत कई बड़े नक्सलियों के नाम हटे
झारखंड पुलिस की वेबसाइट से एक करोड़ के इनामी मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी समेत कई बड़े नक्सलियों के नाम हटा दिये गए हैं. वहीं बिहार के रहने वाले नितेश यादव, अरविंद मुखिया, सौरव उर्फ मरकुस और नवीन यादव के नाम को हटा दिया गया है.साथ ही सूची में बिहार के रहने वाले एक नक्सली, बंगाल के नक्सली और आंध्रप्रदेश के एक नक्सली के नाम को शामिल किया गया है. वहीं आंध्रप्रदेश के रहने वाले टेक विश्वनाथ पर 25 लाख के इनाम की घोषणा की गई. विश्वनाथ माओवादियों का टेक्निकल एक्सपर्ट है. इस सूची में टीएसपीसी के तीन, जबकि जेजेएमपी के तीन नक्सलियों के नाम शामिल हैं.
तीन बड़े ऑपरेशन, 31 मारे गए, 48 का सरेंडर, 1315 हुए गिरफ्तार
झारखंड में सक्रिय भाकपा माओवादी संगठन के खिलाफ पुलिस ने साल 2022 में तीन बड़े ऑपरेशन चलाये. आईजी अभियान एवी होमकर के नेतृत्व में झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ की ओर से संयुक्त रुप से डबल बुल, ऑक्टोपस और थंडर स्टॉर्म ऑपरेशन चलाया गया. 2022 के जनवरी महीने से लेकर अबतक मुठभेड़ में 11 नक्सली मारे गए,14 ने सरेंडर किया. जबकि 416 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया. वहीं साल 2020 से लेकर अब तक झारखंड पुलिस ने 130 नक्सलियों को मार गिराया. वहीं 48 नक्सलियों ने सरेंडर किया और 1315 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है.
नक्सलियों के क्षेत्र में 44 नये सुरक्षा बलों के कैंप बनाये गये
पिछले तीन सालों में झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ ने मिलकर नक्सलियों के क्षेत्र में 44 नये सुरक्षा बलों के कैंप बनाये. इनमें सर्वाधिक 22 कैंप वर्ष 2022 में बने हैं. शेष 22 कैंप में 12 कैंप 2020 व दस कैंप 2021 में बने थे. जब वैश्विक महामारी से पूरा राज्य ही नहीं, पूरा विश्व जूझ रहा था. सुरक्षा बलों के इन कैंपों के चलते नक्सलियों को इलाका छोड़ना पड़ा, उन्हें अपना कैडर बनाने में भी मुश्किलें आयीं और उन्हें राशन नहीं मिलने से उनके सामने खाने-पीने की समस्या भी झेलनी पड़ी.
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