Chakulia : चाकुलिया नगर पंचायत की जनता सवाल कर रही है सवाल, “भगवान” की उपेक्षा क्यों हो रही है जनाब? भगवान यानी कि महान स्वतंत्रता सेनानी धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की. नगर पंचायत के बिरसा चौक पर सड़क के बीच बिरसा मुंडा के मूर्ति टूटे चबूतरे पर जर्जर हालत में खड़ी है. कल यानी कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस है. लोग इसके जश्न में डूबने की तैयारी में हैं. इधर, चाकुलिया के डाक बंगला परिसर में नेताजी सुभाष वेलफेयर सोसाइटी के संरक्षक सह विधायक समीर महंती के नेतृत्व में भव्य तरीके से नौ दिवसीय नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती समारोह सह गूंज महोत्सव धूम मची है. महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को नमन किया जा रहा है. भक्ति रस की गंगा बह रही है. रंग बिरंगी रोशनी में चाकुलिया डूबा है और डाक बंगला परिसर में निर्मित भव्य पंडाल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मची है. वहीं भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति जर्जर हाल में पड़ी है. ऐसे में एक यक्ष प्रश्न खड़ा होता है कि आखिर भगवान की उपेक्षा क्यों? वह भी नगर पंचायत क्षेत्र, जहां करोड़ों की योजनाएं संचालित हो रही है और जनप्रतिनिधि तथा नगर पंचायत के पदाधिकारी उसमें डूब उतरा रहे हैं. परंतु भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति के चबूतरे की मरम्मत नहीं हो रही है.
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इसी हाल में भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति पर अक्सर जनप्रतिनिधि माल्यार्पण करते हैं. 23 जनवरी को भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर विधायक समेत अन्य अतिथियों ने भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति पर माल्यार्पण किया था. गणतंत्र दिवस के दिन भी मूर्ति पर माल्यार्पण होगा. भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति विगत एक साल से इसी हाल में पड़ी है. कई मौकों पर विधायक और पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने मूर्ति पर माल्यार्पण कर कहा कि शीघ्र ही मूर्ति का जीर्णोद्धार होगा. मगर उक्त बातें हवा हवाई साबित हुईं. मूर्ति के टूटे चबूतरे की मरम्मत आज तक नहीं हुई. जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने भगवान को भी सब्जबाग और लॉलीपॉप ही दिखाया. मरम्मत का वायदा किया और वायदा भूल अपनी धुन में रम गए.
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…और जब मूर्ति की मरम्मत की आवाज उठी तो
स्थानीय लोगों ने भगवान की मूर्ति के जीर्णोद्धार करने की आवाज उठाई तो नगर पंचायत प्रशासन कुंभकरणी निद्रा टूटी. पदाधिकारियों को एहसास हुआ कि भगवान की मूर्ति पथ प्रमंडल की सड़क पर है. फिर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी ने विगत 19 दिसंबर को पत्रांक 1148 के तहत पथ प्रमंडल पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखा. लिखा गया पत्र कुछ इस प्रकार है. “उक्त विषय के संबंध में सूचित करते हुए कहना है कि दैनिक समाचार पत्रों द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा की बदहाल स्थिति के संबंध में प्रमुखता से प्रकाशित हो रहा है. परंतु उक्त प्रतिमा बिरसा चौक स्थित पथ प्रमंडल पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर की सड़क पर अवस्थित है. चूंकी यह मुद्दा महापुरुषों के सम्मान से संबंधित है एवं किसी भी समय कोई अप्रिय घटना हो सकती है. अतः उक्त विषय को गंभीरता से देखते हुए या तो अपने स्तर से प्रतिमा की मरम्मत करवा दी जाए या फिर नगर पंचायत को उक्त स्थान की मरम्मत हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की कृपा की जाए.” अब विडंबना तो यह है कि पत्र लिखने के एक माह से अधिक समय होने के बावजूद भी मूर्ति के चबूतरे और मूर्ति की मरम्मत के दिशा में कोई पहल नहीं हुई है.
भगवान को लेकर सबसे बड़ा सवाल
भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति की मरम्मत के संदर्भ में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या महान स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति का जीर्णोद्धार नगर पंचायत प्रशासन नहीं करवा सकता है? इसके लिए पथ प्रमंडल विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र की जरूरत है. अगर बात ऐसी है तो फिर नगर पंचायत प्रशासन द्वारा रेलवे की जमीन पर एलईडी लाइट लगाने के लिए रेलवे से और वन भूमि के आसपास बाजार क्षेत्र का कचरा और प्लास्टिक फेंकने के लिए वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया है?