NewDelhi : मोदी सरकार 2.0 का यह आखिरी पूर्ण बजट है, ऐसे में जनता को सरकार से यह उम्मीदें हैं कि बढ़ती महंगाई के बीच उसे राहत मिलेगी. मध्यम वर्ग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ टकटकी लगाये देख रहा है. हाल ही में निर्मला सीतारमण ने एक कार्यक्रम में कहा था कि वे स्वयं मध्यम वर्ग के परिवार से आती हैं इसलिए उनका दर्द समझती हैं.
उन्होंने यह भी कहा था कि मोदी सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान मध्यम वर्ग पर किसी नये टैक्स का भार नहीं दिया है. पांच लाख तक की सालाना आमदनी वाले लोगों पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया है. कहा था कि मिडिल क्लास को बढ़िया पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन की जरूरत है, इसलिए हमने 27 शहरों तक मेट्रो का विस्तार किया है.
FM Nirmala Sitharaman dons traditional temple border red saree to present Union Budget 2023
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— ANI Digital (@ani_digital) February 1, 2023
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मध्यम वर्ग के परिवारों को रोजगार के लिए शहरों का रुख करना पड़ा है
मध्यम वर्ग के परिवारों को रोजगार के लिए शहरों का रुख करना पड़ा है ऐसे में हम स्मार्ट सिटी की परिकल्पना को साकार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जहां रोजगार के साथ उनके लिए तमाम सुविधाएं मौजूद हों. बजट से ठीक पहले वित्त मंत्री के ऐसा बयान देने से जानकार उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार अपने बजट भाषण के दौरान वे इस वर्ग को खास सौगात देंगी.
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आयकर के स्लैब में बदलाव की मांग
पिछले कई वर्षों में आयकर के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस बार के बजट में देश का मध्यम वर्ग को इस बात की उम्मीद है कि वित्त मंत्री आयकर के दायरे में बदलाव की घोषणा करेंगी. सरकार वर्ष 2020 में इंडिविजुअल टेक्सपेयर्स के लिए न्यू टैक्स रिजाइम लेकर आयी थी.
जानकारों के अनुसार करदाताओं को उससे कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ. ऐसे में देश का एक बड़ा वर्ग लंबे समय से टैक्स स्लैब में बदलाव की मांग कर रहा है. देश में लगातार बढ़ती महंगाई को देखते हुए भी लोगों का मानना है कि सरकार को आयकर का दायरा कम ही सही लेकिन बढ़ाना चाहिए.
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घरों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं
विशेषज्ञों के अनुसार बजट 2023 में सरकार सड़कों, रेलवे, बंदरगाहों, हवाई अड्डों और राजमार्गों में और निवेश पर ध्यान देगी. उनका कहना है कि रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए फोकस का एक अन्य प्रमुख क्षेत्र affordable housing है. घरों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सरकार किफायती आवास परियोजनाओं के लिए नयी पहल और धन की घोषणा करेगी ताकि उन्हें आम लोगों के लिए अधिक सुलभ बनाया जा सके.
EV कंपनियों को बजट से है उम्मीदें
बजट 2023 से EV कंपनियां को इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) और हाइब्रिड वाहनों के उत्पादन के लिए कर प्रोत्साहन (tax incentives) या सब्सिडी दिये जाने की उम्मीद कर रही हैं. इसके अलावा कंपनियां ईवी के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास का समर्थन करने के उपायों कर रही हैं.
एक्सपर्ट्स के अनुसार लोकसभा चुनाव 2024 से पहले, यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी सरकार राजकोषीय विवेक और लोकलुभावन भावनाओं के बीच कैसे संतुलन बनाती है.