Ranchi : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आगामी 4 फरवरी को देवघर आ रहे हैं. वे जसीडीह इंडस्ट्रियल एरिया में बनने वाले इफको के नैनो फर्टिलाइजर प्लांट का शिलान्यास करेंगे. साथ ही संथाल में बीजेपी की जीत के लिए कार्यकर्ताओं को संकल्प दिलायेंगे. अमित शाह बीजेपी के विजय संकल्प रैली को संबोधित करेंगे. कार्यक्रम को लेकर देवघर में बीजेपी नेताओं का जमावड़ा शुरू हो गया है. देवघर विधायक नारायण दास और सारठ विधायक रणधीर सिंह तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश , विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी , राज्यसभा सांसद आदित्य साहू से लेकर तमाम नेता देवघर पहुंच चुके हैं.
इसे भी पढ़ें – चतरा पुलिस ड्रोन से रख रही अफीम की खेती पर नजर, 714 एकड़ में लगी खेती नष्ट की
एक माह में अमित शाह की झारखंड में ये दूसरी रैली
बता दें कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक महीने के भीतर अमित शाह की झारखंड में ये दूसरी रैली होगी . पहली रैली 7 जनवरी को चाईबासा में हुई थी. चाईबासा में अमित शाह ने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी .वहीं दूसरी रैली 4 फरवरी को देवघर में होनी है. खाद कारखाने का शिलान्यास के बाद अमित शाह विजय संकल्प रैली के माध्यम से संथाल में जीत का संकल्प दिलाएंगे. बता दें कि पहले यह रैली साहिबगंज में होनी थी लेकिन समय की कमी के कारण देवघर में ही ये रैली आयोजित होगी. देवघर में विधानसभा कोर कमिटी की संयुक्त बैठक करेंगे और कार्यकर्ताओं को जीत के टिप्स देंगे.
लोकसभा चुनाव में दो सीटो में मिली थी हार
गौरतलब है कि झारखंड में कुल 14 लोकसभा सीट हैं. लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी ने 12 सीटों में जीत हासिल की हैं, जबकि दो सीट राजमहल और पश्चिम सिंहभूम में हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी ने इन सीटों को जीतने का संकल्प लिया है, जिसकी कमान अमित शाह ने खुद थाम रखी हैं. संथाल की राजनीति की बात करें तो लोकसभा की 3 सीटें हैं. जिसमें से दो सीट गोड्डा और दुमका में तो बीजेपी जीत हासिल की है. वहीं राजमहल से हार मिली थी. लेकिन विधानसभा के 18 सीटों के गणित में बीजेपी पीछे ही है. विधानसभा में अभी भी जेएमएम का ही दबदबा है.जिसके पास 9 सीटें हैं जबकि कांग्रेस के पास पांच सीटें हैं और कांग्रेस के दो विधायक आलमगीर आलम और बादल पत्रलेख सरकार में मंत्री भी हैं. बीजेपी के पास सिर्फ 4 सीटें ही हैं. अब देखना यह खास होगा कि अमित शाह के देवघर दौरे से राजमहल की सीट पर क्या असर पड़ेगा. हालांकि देवघर में रैली से राजमहल को साधना थोड़ा मुश्किल जरूर है. लेकिन पूरे संताल के कार्यकर्ता आ रहे हैं तो उनकी हौसला अफजाई जरूर होगी.
इसे भी पढ़ें – प्रधानमंत्री आवास योजना : रांची जिले में आखिर 58 दिनों में 8871 मकान कैसे बन पायेंगे