Ranchi: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा 12 नियुक्तियों के विज्ञापन को रद्द करने के बाद युवाओं में हताशा और आक्रोश है. इन्हे एक बार फिर अपना भविष्य अंधकारमय नजर आने लगा है. बता दें कि 1 फरवरी 2023 को जेएसएससी के द्वारा एक सूचना जारी कर 12 नियुक्तियों के विज्ञापन को रद्द कर दिया गया है. जितने भी एग्जाम कैलेंडर जारी किए गए थे. उन तमाम विज्ञापनों को नियोजन नीति परिभाषित नहीं होने के कारण रद्द कर दिया गया है. बता दें कि 12 विज्ञापनों में 7952 पदों के लिए करीब 25 लाख आवेदन दिए गए थे.
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अभ्यर्थी गुलाम हुसैन ने कहा कि राज्य के करीब 25 लाख युवाओं के साथ धोखा और नाइंसाफी हुई है, और वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. झारखंड के युवा किसी भी परीक्षा की तैयारी चार-पांच साल तैयारी करते हैं, और फिर उस विज्ञापन को रद्द कर दिया जाता है. झारखंड सरकार यथाशीघ्र नियोजन नीति को परिभाषित कर परीक्षाएं संपन्न कराये ताकि झारखंड में बढ़ रही बेरोजगारी दर को नियंत्रित किया जा सके.
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वहीं सौरभ समदर्शी इसे पूरी तरह सरकार की विफलता मानते हैं. वे खुद जूनियर इंजीनियर के अभ्यर्थी हैं, और उनका कहना है कि जूनियर इंजीनियर की परीक्षा दो बार स्थगित हो चुकी है. छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. पहली बार पेपर लीक के कारण और इस बार नियोजन नीति नहीं बनने के कारण अब क्या गारंटी है कि तीसरी बार परीक्षा आयोजित होगी और रिजल्ट आएगा. छात्रों का मनोबल पूरी तरह से टूट चुका है. अब तो लगता है कि किसी भी नियुक्ति परीक्षा का फॉर्म ही ना भरें. अब ये अभ्यर्थियों की व्यक्तिगत लड़ाई बन चुकी है. सरकार पूरी तरह से असंवेदनशील हो चुकी है.
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अभ्यर्थी योगेश भारती का कहना है कि अभ्यर्थी पूरी तरह से हताश और निराश हो चुके हैं. अगर एक दो साल में ये सेटल नहीं होते हैं तो इकी उम्र सीमा खत्म हो जाएगी और इनकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. जिसकी जिम्मेदार हेमंत सरकार होगी. अभ्यर्थियों ने अब राज्य के सभी 81 विधायकों के पास जाकर ज्ञापन सौंपने का फैसला लिया है. फिर भी कोई समाधान नहीं निकलता तो उनगुलान के अलावा कोई रास्ता नहीं रह जाएगा.