Deoghar : कृषि विधेयक के खिलाफ 15 फरवरी से शुरू राज्यव्यापी आंदोलन से पूर्व 14 फरवरी को उपायुक्त कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरना दिया गया. संथालपरगना चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की अगुवाई में दिए गए धरना में राइस मिल एसोसिएशन, खुदरा दुकानदार संघ, बाजार समिति, सब्जी मंडी, पेड़ा विक्रेता, देवघर चेंबर ऑफ कॉमर्स समेत अन्य संगठन के पदाधिकारी शामिल हुए. धरना के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया. संथालपरगना चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष आलोक मलिक ने कहा कि 15 फरवरी से राज्यव्यापी आंदोलन है. आंदोलन के पूर्व 14 फरवरी को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष सांकेतिक धरना दिया गया. धरना के माध्यम सरकार को जनविरोधी कृषि विधेयक वापस लेने की चेतावनी दी जा रही है. 15 फरवरी से पूरे राज्य में खाद्य वस्तुओं का व्यापार पूरी तरह से बंद रहेगा. झारखंड में मंडी की अवधारणा नहीं है. ऐसे में यह कैसा बाजार शुल्क है? कृषि प्रधान पड़ोसी राज्यों बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश और उड़ीसा में कृषि बाजार शुल्क लागू नहीं है. फिर झारखंड में क्यों शुल्क थोपा जा रहा है? राज्य सरकार अविलंब विधेयक वापस ले.
धरना देने वालों में संथालपरगना चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष आलोक मल्लिक के अलावा महासचिव प्रमोद छावछरिया, उपाध्यक्ष उमेश राजपाल, राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश बाजला व प्रदीप खेतान, खुदरा दुकानदार संघ के शीतलाचरण द्वारी, राजेश केसरी, पवन बर्णवाल, प्रमोद केसरी, राजेश रूंगटा, पप्पू बर्णवाल, प्रदीप बर्णवाल, अशोक केसरी, मुकेश गुप्ता, बबलू बर्णवाल समेत अन्य संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे.
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