Ashish Tagore
Latehar : सीएम हेमंत सोरेन ने लातेहार में विगत सात सालों से एक पुल का निर्माण करा रही गायत्री बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड को टर्मिनेट करने का आदेश दिया है. सीएम 14 फरवरी को लातेहार के न्यू पुलिस लाइन में चतरा व लातेहार जिला के आला अधिकारियों के साथ जिला स्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे थे. उक्त कंपनी लातेहार के सरयू-कोटाम पथ में न्यू टाउन हॉल के पास औरंगा नदी पर एक पुल का निर्माण कार्य करा रही है. लेकिन सात सालों में भी कंपनी पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं करा सकी. इस खबर को ‘शुभम संदेश’ ने अपने एक दिसंबर के अंक में प्रमुखता से छापा था. उक्त पुल का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 27 नवंबर 2016 को रखी थी. पथ निर्माण विभाग, लातेहार के द्वारा इस पुल का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. रांची की गायत्री बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड को यह कार्य आवंटित किया गया था. इस पुल की प्रशासनिक प्राक्कलन 610.929 लाख रुपये थी. जबकि इसका एकरारनामा 594.48 लाख रुपये में किया गया था. सात सालों में महज 43 फीसदी कार्य ही हो पाई है. मई 2022 से पुल निर्माण का कार्य पूर्णत: बंद है. हालांकि शुभम संदेश में खबर छपने के बाद खानापूर्ति के लिए कार्य अवश्य प्रारंभ किया गया है. पथ निर्माण विभाग, लातेहार के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार वर्मा ने विभाग के मुख्य अभियंता को निर्माणाधीन पुल की अंतिम मापी लेकर एजेंसी के एकरारनामा का विखंडन के लिए पत्राचार किया था.
!['शुभम संदेश' में छपी खबर](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/02/shubham-sandesh-me-chhapi-khabr_742.jpg)
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वर्ष 2019 से संवेदक का एकरारनामा टर्मिनेट के लिए किया जा रहा था पत्राचार
जब पुल का निर्माण कार्य तीन वर्षों में भी पूरा नहीं हुआ तो पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने 19 नवंबर 2019 को अपने पत्रांक 1138 के माध्यम से मुख्य अभियंता कार्यालय को पत्र लिखकर पहली बार उक्त पुल निर्माण कराने वाली एजेंसी का एकरारनामा विखंडन (टर्मिनेट) करने के लिए पत्राचार किया था. इसके बाद उन्होंने नौ अक्टूबर 2021 व नौ फरवरी 2022 को मुख्य अभियंता कार्यालय को पुल निर्माण की अंतिम मापी लेकर संवेदक का एकरारनामा रद्द करने के लिए पत्राचार किया था.
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अति महत्वपूर्ण है यह पुल
लातेहार-सरयू-कोटाम पथ पर जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर औरंगा नदी पर बन रहा यह पुल काफी महत्वपूर्ण है. घोर उग्रवाद प्रभावित सरयू व गारू प्रखंड तक पहुंचने के लिए एक सुगम मार्ग है. लोग ट्रेन पकड़ने इसी मार्ग से रेलवे स्टेशन जाते हैं. इस मार्ग से महुआडांड व नेतरहाट आसानी से पहुंचा जा सकता है. इस पथ से लातेहार से नेतरहाट की दूरी मात्र 80 किलोमीटर है. जबकि भाया दुबियाखाड़ और महुआडांड़ नेतरहाट की दूरी तकरीबन 150 किलोमीटर हो जाती है.
पहले का पुल ब्रिटिश जमाने का है
ब्रिटिश जमाने में औरंगा नदी पर पुल बनाया गया था और इसी पुल से आवागमन होता है. लेकिन अब यह पुल जर्जर हो चुका है. पुल में शहरी पेयजल योजना के तहत दोनों किनारों पर पाइप लाइन बिछा दिया गया है. इस कारण पुल भी संकीर्ण हो गया है. अब इस पुल से एक साथ दो बड़े वाहनों का आवागमन संभव नहीं है. यह पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है और इस पथ पर आवागमन बाधित हो सकता है. बताते चलें कि इसी पुल के ठीक बगल में नया पुल बनाया जा रहा है, जिसे सात सालों में भी पूरा नहीं किया जा सका है.