Ranchi : स्वास्थ्य विभाग के अधीन अनुबंध और संविदा कर्मचारियों की नौकरी नियमित करने की प्रक्रिया को लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता शनिवार को नेपाल हाउस में बैठक करेंगे. पारा मेडिकल कर्मियों की हड़ताल के 40 दिन के बाद विभागीय मंत्री, विभाग के अधिकारी और संघ के प्रतिनिधि एक टेबल पर सीधे वार्ता के लिए बैठेंगे. मंत्री के आप्त सचिव आसिफ एकराम ने अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी है. बैठक विकास आयुक्त सभागार में होनी है, जिसमें संघ से मांगों से जुड़े ज्ञापनों पर विस्तृत प्रतिवेदन मंगाया गया है. बता दें कि पूर्व में एनएचएम अभियान निदेशक की अध्यक्षता में अनुबंधकर्मियों के समायोजन को लेकर एक कमेटी गठित की गयी थी. समिति द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत रिक्त पदों के विरुद्ध एनएचएम में कार्यरत अनुबंधकर्मियों के समायोजन की अनुशंसा की गयी थी.
2014 की तर्ज पर शामिल होना चाहते हैं पारा मेडिकल कर्मी
राज्य के सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में अनुबंध पर कार्यरत सभी पारा मेडिकल कर्मी जैसे- ए ग्रेड नर्स, एएनएम, फार्मासिस्ट, लैब और एक्सरे तकनीशियन राज्य सरकार के अधीन स्थायी पदों पर होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया में पूर्व की संचिका संख्या – 10, पारा मेडिकल 7-5-2012 और 30 -01- 2014 नियमावली की तर्ज पर सीधी नियुक्ति में शामिल होना चाहते हैं. इसमें किसी भी तरह की परीक्षा की बाध्यता को स्वीकार्य नहीं करना चाहते. जबकि, राज्य सरकार ने पारा मेडिकल कर्मियों की स्थायी नियुक्ति में अनुबंध कर्मियों को वेटेज देने का निर्णय लिया है.
आसान नहीं नियमितीकरण की राह
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने वर्ष 2015 में आवेदन मंगाने के बाद नियमावली में पेच होने के कारण नियुक्ति परीक्षा स्थगित कर दी थी. वर्ष 2018 में नयी नियमावली तो बनी, लेकिन इसमें भी कई त्रुटियां सामने आ गयीं. इसके बाद वर्ष 2014 में एनएचएम, झारखंड में अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों (एएनएम व ए ग्रेड नर्स को छोड़ कर) के नियमितीकरण को लेकर संचिका बनाना भी प्रारंभ किया गया था. समय – समय पर इसे लेकर मांग उठती रही, लेकिन सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया.
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