- भ्रष्टाचार और राजीव अरुण एक्का पर विपक्ष का सदन के बाहर प्रदर्शन, अंदर शांति
- 108 एंबुलेंस योजना की बदहाली पर उठे सवाल, नई व्यवस्था शुरू करने की मांग
Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 11वें दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा विधायकों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सदन के बाहर प्रदर्शन किया. भाजपा विधायक सीएम हेमंत सोरेन के कार्यकाल में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच और आईएएस राजीव अरूण एक्का को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे. उम्मीद थी कि विपक्ष नियोजन नीति के बाद अब इस मुद्दे को लेकर सदन में हंगामा करेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से चली. सबसे पहले कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने सदन में 108 एंबुलेंस योजना को लेकर सवाल उठाया. कहा कि इससे मरीजों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है. सरकार 108 योजना को रद्द कर नई व्यवस्था शुरू करे. इस पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री. बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य में 337 एंबुलेंस की सेवा 108 के माध्यम से दी जा रही है. 2021-22 में 175 बाइक एंबुलेंस स्वीकृत हुई. उन्हें खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. सरकार के जवाब के बाद विधायक अमर बाउरी और भानु प्रताप शाही ने भी 108 एंबुलेंस की खामियों को उठाया. इस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी खामियों को दूर कर लिया जाएगा.
विधायक को भरोसा नहीं तो मुर्दाघर जाकर तसल्ली कर लें- स्वास्थ्य मंत्री
भाजपा विधायक राज सिन्हा ने सदन में रिम्स की बदहाली का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि रिम्स का सालाना बजट 400 करोड़ का है. 3 साल पहले वहां करोड़ों की लागत से 50 शवों की क्षमता वाला शव गृह बनाया गया, लेकिन वहां फ्रीजर खराब होने के कारण कई शव सड़- गल कर खराब हो चुके हैं. इस पर मंत्री बन्ना गुप्ता ने जवाब देते हुए कहा कि यह सच नहीं है. फ्रीजर खराब होने की सूचना मिलने के बाद कंपनी ने तत्काल उसे ठीक किया है. समय-समय पर लावारिस शवों का अंतिम संस्कार नगर निगम और अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर किया जाता है. अगर विधायक को भरोसा नहीं है, तो वे कमिटी बना देते हैं. विधायक मुर्दाघर जाकर तसल्ली कर लें. इस दौरान विधायक सीपी सिंह ने कहा कि क्या ये सही है कि रिम्स डायरेक्टर ने मंत्री को वहां की अव्यवस्था के लिए जिम्मेवार ठहराया है. इस पर बन्ना गुप्ता ने कहा कि सीपी सिंह बाल की खाल निकालने में चैंपियन हैं. सिर्फ भ्रामक बातें करते हैं. डायरेक्टर पद्मश्री हैं, वे ऐसी ओछी बातें नहीं कर सकते.
2 महीने में राज्यकर्मियों को मिलेगा कैशलेस बीमा का लाभ
माले विधायक बिनोद सिंह ने अल्पसूचित प्रश्न के तहत राज्य के कर्मचारियों, पदाधिकारियों और पेंशन भोगियों को कैशलेस बीमा का लाभ देने की मांग की. कहा कि वर्ष 2014 में ही राज्य सरकार ने कैशलेस स्वास्थ्य बीमा का संकल्प जारी किया था, लेकिन अबतक यह लागू नहीं हुआ है. जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरकार राज्यकर्मियों के कैशलेस बीमा से लाभान्वित करने के लिए कृत संकल्पित है. इसे लेकर पहले संकल्प निकाल था, जिसमें कुछ संशोधन कर वित्त एवं कार्मिक विभाग को भेज गया है. महीना- दो महीना में संकल्प जारी हो जायेगा.
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