Ranchi : डीएसपी के पद पर वर्ष 2005 से पदोन्नति नहीं दिए जाने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य के डीजीपी अजय कुमार सिंह हाईकोर्ट में हाजिर हुए. जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने डीजीपी से पूछा कि कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया है. डीजीपी की ओर से जवाब देते हुए अपर महाधिवक्ता जयप्रकाश ने अदालत को बताया कि इससे संबंधित मामले की सुनवाई 23 मार्च को निर्धारित है. एकल पीठ के आदेश के खिलाफ सरकार ने खंडपीठ में अपील की थी, लेकिन तकनीकी कारणों से उसे खारिज कर दिया गया है. याचिका को पुनर्जीवित करने के लिए अपील दाखिल की गयी है, जिस पर 23 मार्च को सुनवाई होगी.
सरकार को छह सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश
इस पर अदालत ने डीजीपी को अगली तिथि को सशरीर हाजिर होने से छूट प्रदान कर दी और सरकार को छह सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. इस संबंध में लाल टुडू ने अवमानना याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि प्रार्थी को वर्ष 2008 में डीएसपी के पद पर पदोन्नति दी गयी थी, जबकि उन्हें वर्ष 2005 से मिलनी चाहिए थी. एकलपीठ ने सरकार को वर्ष 2005 से ही प्रोन्नति देने का निर्देश दिया था. एकलपीठ के आदेश के खिलाफ सरकार ने अपील की थी, जो खारिज कर दी गयी है. आदेश का पालन नहीं किए जाने पर अवमानना याचिका दायर की गयी है.
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