NewDelhi : एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज कहा कि मेरा इंटरव्यू अडानी पर नहीं था, मुझसे कुछ सवाल उन्हें(अडानी) लेकर किये गये थे. इस क्रम में एनसीपी चीफ ने कहा कि जेपीसी में सत्ताधारी दल का वर्चस्व होगा और इसलिए सच्चाई सामने नहीं आयेगी. इसलिए वह जेपीसी नहीं चाहते हैं. अडानी मामले में कल दिये गये अपने एक इंटरव्यू के कारण अपने ही सहयोगी दलों के निशाने पर आये शरद पवार ने इसे लेकर आज सफाई दी. दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शरद पवार बोल रहे थे.
#WATCH | Nowadays names of Ambani-Adani are being taken (to criticise the government) but we need to think about their contribution to the country. I think other issues like unemployment, price rise, and farmers issues are more important: NCP chief Sharad Pawar pic.twitter.com/FnJreX77mm
— ANI (@ANI) April 8, 2023
#WATCH | We had a joint meeting of all the opposition parties and we discussed all the issues there. There were some issues on which we did not agree but everyone put forth their views in the meeting: NCP chief Sharad Pawar on ‘opposition unity’ for 2024 polls pic.twitter.com/yunpKEKzM2
— ANI (@ANI) April 8, 2023
#WATCH | Sharad Pawar said that the opposition is demanding JPC but nothing will come out of it as the chairman of JPC will be from BJP… TMC, NCP have their own opinion about Adani but it will not affect opposition unity: Sanjay Raut, Uddhav Thackeray faction pic.twitter.com/zvRo9xFgvD
— ANI (@ANI) April 8, 2023
Till yesterday, entire Congress was abusing Ghulam Nabi Azad and Scindia. Now that Sharad Pawar has broken ranks and junked the Congress on the issue of JPC etc, will Congress spokespeople hound him too or just shut up? Is Rahul Gandhi’s conviction on issues frail and malleable?
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 8, 2023
शरद पवार ने इंटरव्यू में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर निशाना साधा था
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने इंटरव्यू हिंडनबर्ग की उस रिपोर्ट पर निशाना साधा था, जिसमें गौतम अडानी को लेकर कई आरोप लगाये गये हैं. पवार ने कहा था कि ‘उस शख्स ने पहले भी ऐसे बयान दिये थे और तब भी सदन में कुछ दिन हंगामा हुआ था. लेकिन इस बार जरूरत से ज्यादा तवज्जो इस मुद्दे को दे दी गयी है. वैसे भी जो रिपोर्ट आयी, उसमें दिये बयान किसने दिये, उसका क्या बैकग्राउंड है. जब वो लोग ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनसे देश में बवाल खड़ा हो, इसका असर तो हमारी अर्थव्यवस्था पर ही पड़ता है. लगता है कि ये सबकुछ किसी को टारगेट करने के लिए किया गया था.
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शरद पवार का बयान विपक्षी एकता में दरार पैदा करने वाला माना गया
शरद पवार द्वारा शुक्रवार को दिया गया बयान विपक्षी एकता में दरार पैदा करने वाला माना गया. मामला बढ़ता देख आज शनिवार को एनसीपी चीफ सामने आये. उन्होंने कहा कि, मुझे नहीं पता कि हिंडनबर्ग क्या है, एक विदेशी कंपनी इस देश के एक आंतरिक मामले पर स्टैंड ले रही है तो हमें सोचना चाहिए कि एक’हैट कंपनी’ को हमें कितना महत्व देना चाहिए. शरद पवार ने कहा कि जेपीसी की बात सभी विपक्ष ने कही है यह सच है और हमारी पार्टी भी इसमें शामिल है, यह भी सच है. लेकिन जेपीसी के गठन में 21 लोग होंगे और उनमें से 15 लोग रूलिंग पार्टी के होंगे. विपक्ष के सिर्फ 5- 6 लोग ही होंगे तो वह क्या सच्चाई सामने लायेंगे.
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मैंने ऐसा नहीं कहा कि अडानी की आलोचना मत करो
इसीलिए मेरा कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी फॉर्म करने का जो दूसरा विकल्प दिया है, वह ज्यादा ठीक है. इस क्रम में कहा कि मैंने ऐसा नहीं कहा कि अडानी की आलोचना मत करो, लेकिन बेरोजगारी, कृषि संबंधी मुद्दे और मूल्य वृद्धि, ये 3 प्रमुख मुद्दे हैं देश के सामने. इस बारे में मुख्य विपक्ष को ज्यादा सोचना चाहिए. मेरी पार्टी ने जेपीसी का समर्थन किया है लेकिन मुझे लगता है कि जेपीसी में सत्ताधारी दल का वर्चस्व होगा और इसलिए सच्चाई सामने नहीं आएगी. इसलिए मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाला पैनल सच्चाई सामने लाने का एक बेहतर तरीका है.
जयराम रमेश ने बयान जारी किया
शरद पवार के बयान पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि एनसीपी का अपना कोई स्टैंड हो सकता है, लेकिन 19 विपक्षी पार्टियां ये मानती हैं कि अडानी मुद्दा गंभीर है. यह भी साफ करना चाहता हूं कि एनसीपी और दूसरे विपक्षी दल हमारे साथ ही खड़े हैं, सभी साथ मिलकर लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं और बीजेपी की बंटवारे वाली राजनीति को हराना चाहते हैं. संजय राउत ने शरद पवार की सफाई देने के बाद कहा कि, शरद पवार की स्थिति क्लियर हो गयी है. इस बारे में नहीं पता था. शरद पवार द्वारा कोई क्लीन चिट नहीं दी गयी है
शरद पवार ने जेपीसी के मुद्दे पर कांग्रेस को तोड़ दिया
शरद पवार के बयान आने के बाद अमित मालवीय ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, कल तक पूरी कांग्रेस गुलाम नबी आजाद और सिंधिया को गाली दे रही थी. अब जब शरद पवार ने जेपीसी आदि के मुद्दे पर कांग्रेस को तोड़ दिया है और कांग्रेस का मज़ाक उड़ाया है, तो क्या कांग्रेस के प्रवक्ता उन्हें भी परेशान करेंगे या चुप रहेंगे?