Jamshedpur (Rohit Kumar) : कदमा में हुए हिंसा मामले में गुरुवार को जमशेदपुर कोर्ट में आरोपियों के जमानत याचिका पर बहस हुई. जमशेदपुर कोर्ट के एडीजे 2 आभास वर्मा की अदालत में डेढ़ घंटे बहस चली जिसमें 40 से 50 अधिवक्ता शामिल हुए. कोर्ट रूम पूरी तरह से अधिवक्ताओं से भर गया था. सुबह 7.30 बजे शुरू हुई बहस 9 बजे खत्म हुई. यहां भाजपा नेता अभय सिंह समेत अन्य आरोपी सशरीर उपस्थित हुए थे. बहस के दौरान वरीय अधिवक्ताओं ने अदालत को पुलिस के द्वारा की गई गिरफ्तारी को गलत बताया. अधिवक्ताओं ने अदालत को बताया कि अभय सिंह और अन्य लोगों को हिंसा की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जबकि इसका कोई प्रमाण नहीं है कि अभय सिंह ने ही हिंसा की योजना बनाई. अधिवक्ताओं ने अदालत को बताया कि पुलिस की चार्ज शीट के अनुसार उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग इलाके में हंगामा करने की योजना बना रहे है, जबकि विशेष समुदाय की ओर से पथराव और फायरिंग की गई थी. वहीं इस मामले में जब अधिवक्ता चंदन चौबे समेत विहिप के कार्यकर्ता एसएसपी को मामले में उचित जांच को लेकर ज्ञापन सौंपने गए तो उन्हें भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जबकि गिरफ्तारी में पुलिस को ही गवाह बनाया गया है.
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पुलिस ने चार्जशीट में नहीं लगाई इंज्यूरी रिपोर्ट
एडीजे 2 आभाष वर्मा ने बहस के दौरान पाया कि पुलिस द्वारा बनाए गए चार्ज शीट में घायल पुलिसकर्मियों की इंज्यूरी रिपोर्ट को नहीं लगाया गया है जिसके बाद उन्होंने सरकारी वकील से जवाब मांगा. अदालत 17 मई को जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी. इस मामले में भाजपा नेता अभय सिंह की ओर से अधिवक्ता प्रकाश झा ने बहस की. वहीं आरोपी अधिवक्ता चंदन चौबे की ओर से लाला अजीत अबंष्टा और संजय मिश्रा ने बहस की. सुधांशु ओझा और रंजीत पंडित की ओर से अधिवक्ता सीबी ओझा और प्रभात शंकर तिवारी ने बहस की जबकि विहिप की ओर से अधिवक्ता बलाई पांडा और जनार्दन पांडेय की ओर से अधिवक्ता उमेश त्रिपाठी ने बहस की .