Ranchi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रांची में बने हाईकोर्ट के नए भवन का उद्घाटन किया. इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, सुप्रीम कोर्ट के जज अनिरुद्ध बोस, झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र भी मंच पर मौजूद रहे.
600 करोड़ की लागत से बना है नया कैंपस
लगभग 600 करोड़ की लागत से बने झारखंड हाईकोर्ट का नया कैंपस सुप्रीम कोर्ट से करीब तीन गुना बड़ा है. कैंपस में विभिन्न प्रजातियों के लगभग 2000 पौधे लगाए गए हैं. यह देश का अब तक का सबसे बड़ा हाईकोर्ट भवन और बड़ा कैंपस भी है.हाईकोर्ट का नया भवन राज्य को समर्पित कर दिया गया है. गर्मी की छुट्टियों के बाद नए हाईकोर्ट कैंपस में न्यायिक गतिविधियां शुरू होंगी.
सरकार न्यायपालिका की जरूरतों को पूरा करने के लिए कटिबद्ध- मेघवाल
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारत सरकार न्यायपालिका की जरूरतों को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है. संविधान निर्माण के बाद से ही न्यायपालिका में कई बदलाव और प्रयोग हुए हैं, कई सुधार हुए हैं. 26 नवंबर 1949 को संविधान निर्माताओं ने संविधान बनाया था. हम सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय की स्थापना करने जा रहे हैं. इतनी बड़ी कल्पना संविधान निर्माताओं ने की. हम अमृत महोत्सव मना रहे हैं. विश्लेषण करने का अवसर है. जब साल 2047 ब आएगा तो देश विकसित बने ये कल्पना पीएम ने की है. इस लम्बी यात्रा में नई इनिशिएटिव ली गयी है. ई- कोर्ट प्रोजेक्ट के बारे में एक अवधारणा है.
नया भवन भविष्य में न्याय का उच्च मार्ग प्रशस्त करेगा- सीजेआई
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय का नया भवन भविष्य में न्याय का उच्च मार्ग प्रशस्त करेगा. न्यायपालिका का विस्तार होने के साथ साथ से आम लोगों की आस्था को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है. साधन एवं साक्षरता के अभाव में न्याय व्यवस्था को गरीबों तक पहुंचाना हमारी प्रतिबद्धता है. समय पर सुनवाई जरूरी है. पर मूलभूत सुविधाओं की कमी है. जिला न्यायालयों को जब समानता मिलेगी, तभी हम आगे बढ़ सकते हैं. वहां महिलाओं के लिए शौचालय तक नहीं है. कहा कि संविधान में निहित भाषाओं को अपनाना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने पहल की है. 6000 से ज्यादा मामले का जजमेंट हिंदी में अनुवाद हुआ. उन्होंने जोहार के साथ भाषण का समापन किया.
आज का पल गर्व का है – झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र ने स्वागत भाषण में कहा कि आज का पल गर्व का है. राष्ट्रपति ने 6 साल इस राज्य में गुजारा है, झारखंड उनके घर के जैसा है. नए भारत में महिला सशक्तीकरण की मिसाल हैं. मातृ शक्ति की पराकाष्ठा हैं. राष्ट्रपति का स्वागत करना मेरे लिए गर्व की बात है. सीजेआई का भी यहां होना हमारे लिए गर्व की बात है. सीजेआई की तरफ से लैंड मार्क जजमेंट किए गए हैं. झारखंड के ज्यूडिशियल फेटर्निटी की तरफ से भी सीजेआई का स्वागत है. हाइकोर्ट के नए भवन के निर्माण में सीएम हेमंत सोरेन और सरकार के सपोर्ट के लिए भी धन्यवाद. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अनिरुद्ध बोस का भी स्वागत है. मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का भी यहां आने के लिए बहुत- बहुत धन्यवाद.. जस्टिस अपरेश सिंह का भी स्वागत है. झारखंड हाइकोर्ट के नए भवन के उद्घाटन में पहुंचे तमाम अधिकारियों का स्वागत है. झारखंड के इतिहास के लिए ये नई शुरुआत है. न्याय जीवन में असली उड़ान अभी बाकी है. हमारे इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है.अभी तो नापी है सिर्फ मुट्ठी पर जमीन अभी सारा आसमान बाकी है.
नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए- सीएम
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि वीरों की धरती पर आप सबका स्वागत है. करोड़ों जनता के लिए यह गौरव का क्षण है. आदिवासी बहुल राज्य में निर्मित यह भवन दूसरे राज्यों के भवन से बहुत बड़ा है. यह सरल सुलभ न्याय दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा. कई गरीब आदिवासी आज जेल में बंद हैं. 4 वर्षो से अधिक लंबित मामलों की सूची तैयार है, जिसका निष्पादन 6 महीने में करने की कोशशि है. इसकी मोनिटरिंग मैं खुद कर रहा हूं. एपीपी की नियुक्ति इसमें कारगर साबित होगी. 506 न्यायिक पदाधिकारी कार्यरत हैं. जो भी अवश्यताएं होंगी, राज्य सरकार पूरा करेगी. कोई भी प्रोजेक्ट राज्य के लिए तैयार किया जाएगा, हम सफल बनाएंगे. कहा कि सुपीरियर जुडिशियल में आदिवासी की पार्टिसिपेशन नहीं के बराबर है. वरीय न्यायि सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण की मांग करता हूं. केंद्र सरकार भी उच्च न्यायालय के लिए कोई स्कीम चलाये, जिसमें आधारभूत संरचना में राज्य सरकार को सहयोग मिले. न्यायपालिका में आदिवासियों की कम संख्या चिंता का विषय है. न्यायिक सेवा की नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए.
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