Ranchi: छोटे उग्रवादी संगठन के कमजोर होते ही भाकपा माओवादी सक्रिय हो गये हैं. छोटे-बड़े वारदातों को अंजाम देकर ये संगठन लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. मालूम हो कि टीपीसी, पीएलएफआई और जेजेएमपी जैसे छोटे उग्रवादी संगठन पर हाल के महीनों में पुलिस ने नकेल कस दी है. इसके अलावा टेरर फंडिंग मामले की जांच में जैसे ही एनआईए की एंट्री हुई, इसका सबसे बड़ा शिकार टीपीसी और पीएलएफआई हुआ. यहीं कारण हैं कि ये छोटे उग्रवादी संगठन कमजोर हुए हैं. जिसका फायदा भाकपा माओवादी को मिला है.
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उपस्थिति दर्ज कराने में जुटे हैं भाकपा माओवादी
भाकपा माओवादी अब उन क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में जुट गये हैं, जहां पहले उसकी पकड़ मजबूत हुआ करती थी. माओवादी संगठन चतरा, लोहरदगा, लातेहार, हजारीबाग, गुमला, खूंटी, चाईबासा, सरायकेला जिला में तेजी से सक्रिय हुआ है. विकास कार्य में लगे एजेंसियों के वाहनों को जलाकर और लोगों की हत्या कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश भी कर रही है.
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संगठन को मजबूत करने की हो रही है कोशिश
जानकारी के अनुसार, माओवादी लातेहार को फिर से अपना गढ़ बनाने की दिशा में सक्रिय हो गये हैं. वहीं इससे सटे लोहरदगा और गुमला में भी माओवादी अपनी पैठ बनाने में लगे हैं. यही कारण है कि हजारीबाग, चतरा, लातेहार, लोहरदगा और गुमला में माओवादियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने भी कवायद शुरू कर दी है. माओवादी संगठन लेवी वसूलने के लिए अपना भय दिखाते रहते हैं. विकास कार्य का काम करा रही कंपनियों से उग्रवादी संगठन की ओर से लगातार लेवी की मांग की जा रही है. वहीं लेवी नहीं देने पर कंपनी के वाहनों में आगजनी करने के अलावा कर्मचारियों से मारपीट भी की जा रही है.
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हाल की कुछ घटनाएं
27 मार्च: चाईबासा जिले के आनंदपुर थाना क्षेत्र के हरता पंचायत के गुंडरी गांव के ग्राम मुंडा नमन बूढ़ की गला रेतकर हत्या कर दी थी.
31 मार्च: गुमला जिले के विशनपुर थाना क्षेत्र के घाघरा गांव के पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गयी. जिसमें एक इनामी नक्सली मारा गया.
4 अप्रैल: चाईबासा के सोनुआ थाना क्षेत्र के रामचंद्रपोस में नक्सलियों ने पुलिस को चुनौती देते हुए संत पीटर स्कूल हॉस्टेल के एक कमरे को बम से उड़ा दिया. इस दौरान मौके पर नक्सलियों ने वहां हॉस्टल में मौजूद एक युवक नितिन जामुदा को गोली और धारदार हथियार से मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था.
4 अप्रैल: चाईबासा के गुदड़ी थाना क्षेत्र के चिरूंग टोला-रेड़ा के पास पुलिस एवं भाकपा माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन महिला नक्सली मारी गयी थी.
9 अप्रैल: चाईबासा के सोनुवा थाना क्षेत्र के पोड़ाहाट जंगल भाकपा माओवादी और सुरक्षा बल के बीच मुठभेड़ हुई. दोनों तरफ सैकड़ों राउंड गोलीबारी हुई. सुरक्षाबलों को भारी पड़ता देख माओवादी घने जंगल का फायदा उठा कर भागने में सफल रहे.
13 अप्रैल: झुमरा पहाड़ के इलाके के चतरोचट्टी थाना क्षेत्र के बिंदी मुरपा के पास पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गयी. दोनों ओर से लगभग आधे घंटे तक गोलियां चलीं. इस दौरान पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली घने जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे.
8 मई: लॉकडाउन के बीच माओवादियों का तांडव देखने को मिला है. 8 मई की देर रात हथियारबंद माओवादियों ने पिपरा थाना क्षेत्र के चपरवार में क्रेशर प्लांट में लगे 13 वाहनों को आग के हवाले कर दिया.
30 अक्टूबर: लोहरदगा के नक्सल प्रभावित इलाके सेरेंगदाग में गश्त पर निकली पुलिस टीम और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हो गयी. माओवादियों ने पहले आइइडी विस्फोट किया जिसमें दो जवान घायल हो गए थे.
18 नवंबर: लोहरदगा जिले के पेशरार प्रखंड में नक्सलियों ने पुल निर्माण करा रही एक कंपनी के मुंशी विक्की गुप्ता की गोली मार हत्या कर दी और ठेकेदार के पोकलेन और ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया.
21 नवंबर : चतरा सिमरिया थाना क्षेत्र के तपसा निवासी मुकेश गिरि कीमाओवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
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