Ranchi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर ‘मन की बात’ के दौरान कोरोना संकट और कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कृषि कानूनों पर कहा कि इससे किसानों के लिए नए रास्ते खुले हैं. काफी विचार विमर्श के बाद भारतीय संसद ने कृषि कानूनों को ठोस रूप दिया. उन्होंने कहा कि काफी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया. इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नये अधिकार भी मिले हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून में एक और बहुत बड़ी बात है, इस क़ानून में यह प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एसडीएम को एक महीने के भीतर ही किसानों की शिकायतों का निपटारा करना होगा.
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कनाडा से मां अन्नापूर्णा देवी की मूर्ति वापस
पीएम मोदी ने कहा कि एक खुशखबरी सुना रहा हूं. कनाडा से मां अन्नापूर्णा देवी की मूर्ति वापस लाई गई है. इसके लिए कनाडा सरकार का आभार व्यक्त करता हूं. उन्होंने कहा कि हर भारतीय को यह जानकर गर्व होगा कि देवी अन्नपूर्णा की एक बहुत पुरानी प्रतिमा कनाडा से वापस भारत आ रही है. माता अन्नपूर्णा का काशी से बहुत ही विशेष संबंध है. अब उनकी प्रतिमा का वापस आना हम सभी के लिए सुखद है. माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की तरह ही हमारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें, अंतरराष्ट्रीय गिरोहों का शिकार होती रही हैं.
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दुनिया में गुरु नानक देव का प्रभाव
प्रधानमंत्री ने कहा कि कल 30 नवंबर को हम श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे. पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. वैंकुअवर से विलिंगटन तक, सिंगापुर से दक्षिण अफ्रीका तक उनके संदेश हर तरफ सुनाई देते हैं. गुरुग्रन्थ साहिब में कहा गया है- ‘सेवक को सेवा बन आई’, यानी सेवक का काम सेवा करना है. बीते कुछ वर्षों में कई अहम पड़ाव आए और एक सेवक के तौर पर हमें बहुत कुछ करने का अवसर मिला. क्या आप जानते हैं कि कच्छ में एक गुरुद्वारा है, लखपत गुरुद्वारा साहिब. 2001 के भूकंप से कच्छ के लखपत गुरुद्वारा साहिब को भी नुकसान पहुंचा था. यह गुरु साहिब की कृपा ही थी कि मैं इसका जीर्णोद्धार सुनिश्चित कर पाया.
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जापान नहीं मेघालय की हैं चेरी ब्लॉसम की वायरल तस्वीरें
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान कहा कि पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट चेरी ब्लॉसम की वायरल तस्वीरों से भरा हुआ है. आप सोच रहे होंगे जब मैं चेरी ब्लॉसम की बात कर रहा हूं तो जापान की इस प्रसिद्ध पहचान की बात कर रहा हूं? लेकिन ऐसा नहीं है. ये, जापान की तस्वीरें नहीं हैं.चेरी ब्लॉसम की इंटरनेट पर वायरल हो रहीं तस्वीरें अपने मेघालय के शिलॉन्ग की हैं. मेघालय की खूबसूरती को इन चेरी ब्लॉसम ने और ज्यादा बढ़ा दिया है.गुलाबी फूलों से लदे चेरी ब्लॉसम के पेड़ जब सर्दियों का स्वागत करने के लिए तैयार होते हैं तो यह नजारा बेहद खूबसूरत दिखाई देता है. मेघालय में हर साल शिलॉन्ग में चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल (Cherry Blossoms Festival) आयोजित की जाती है. इस मौसम में चेरी ब्लॉसम का पेड़ फलता है और शिलॉन्ग हर तरफ गुलाबी नजर आता है.
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